नई दिल्ली, 29 जुलाई : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए भाजपा ने बुधवार को आश्चर्य जताया कि अगर उनके फोन में एक हथियार (पेगासस) लगाया गया था, तो उन्होंने इतने दिनों तक इसके बारे में क्यों नहीं बोला. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि उनके मोबाइल फोन में एक हथियार लगाया गया है. उन्होंने इतने दिनों तक बात क्यों नहीं की और चुप रहे? क्या उन्होंने इस मुद्दे पर कोई प्राथमिकी दर्ज की है? "कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के लिए, पेगासस कोविड महामारी से बड़ा मुद्दा बन गया है. जब पूरा देश एकजुट होकर कोविड महामारी से लड़ रहा था, कांग्रेस पार्टी के नेता और कुछ अन्य विपक्षी दल अपने घरों के अंदर छिपे हुए थे. राहुल गांधी का मतलब गैर-जिम्मेदार और गैर-गंभीर नेता होना है."
संसद नहीं चलने देने के लिए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पात्रा ने कहा,"जब पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था, कांग्रेस पार्टी संसद में बहस की मांग कर रही थी. और अब जब संसद सत्र में है, तो कांग्रेस पार्टी इसकी अनुमति नहीं दे रही है. हंगामा कर रही है." उन्होंने कहा कि देश की जनता ने उन्हें चुनकर रचनात्मक बहस करने के लिए संसद भेजा है. कांग्रेस पार्टी को कोरोना के महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद पर चर्चा करने और बहस करने देने में कोई दिलचस्पी नहीं है, यह केवल आधारहीन और बेमानी मुद्दों की तलाश करते है और काम नहीं करने के लिए बाधाएं पैदा करते है. एकजुट विपक्ष के दावों पर कटाक्ष करते हुए पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि विपक्ष एकजुट है. 2019 के आम चुनाव से पहले इसी तरह की तस्वीर सामने आई थी, लेकिन सभी जानते हैं कि तथाकथित एकता का क्या हुआ. काल्पनिक 'महागठबंधन'. यह भी पढ़ें : Weather Update: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट
उन्होंने दावा किया कि काल्पनिक 'महागठबंधन' का गठन करने वाले नेता और दल वही हैं जो सिर्फ अपने परिवारों के बारे में सोचते हैं और उनकी सिर्फ एक महत्वाकांक्षा है, एक लक्ष्य है और वह है अपने परिवारों को बचाना. भाजपा नेता ने कहा, "क्या आपको लगता है कि अखिलेश यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भारत को उसके स्वर्ण युग में ले जाना चाहते हैं? बिल्कुल नहीं. यह एक मिथक है, एक बड़ा झूठ है. इन सभी नेताओं की सिर्फ एक महत्वाकांक्षा है और वह है अपने बच्चों को राजनीति में स्थापित करना. और दूसरी ओर हमारे पास हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जिनका एकमात्र मिशन हमारे देश को आगे ले जाना है."
पात्रा ने कोविड के मामलों में वृद्धि के लिए केरल सरकार पर भी निशाना साधा. "हाल ही में ईद के त्योहार पर केरल सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल में कुछ छूट दी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई थी. लेकिन दुर्भाग्य से केरल में तुष्टीकरण की राजनीति जीत गई क्योंकि राज्य सरकार ने सुप्रीम द्वारा दिए गए निदेशरें का पालन नहीं किया." उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण ही आज 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना के मामले केरल से सामने आ रहे हैं. पात्रा ने कहा, "राजस्थान में कोरोना महामारी से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन किया गया. राजस्थान के स्कूल और कॉलेज बंद हैं, लेकिन राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डालकर अपना जन्मदिन मनाया."