Pegasus Controversy: पेगासस विवाद पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- गलत नैरेटिव दूर करने के लिए विशेषज्ञ पैनल बनाएंगे
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा कि पेगासस जासूसी (Pegasus Detective) के आरोपों की जांच क्षेत्र के विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा की जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने एक हलफनामे में कहा, "यह प्रस्तुत किया जाता है कि मैं उपरोक्त याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं में प्रतिवादियों के खिलाफ लगाए गए किसी भी और सभी आरोपों से स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं." Supreme Court: महामारी की दूसरी लहर राष्ट्रीय संकट, इंटरनेट पर मदद मांग रहे लोगों पर कोई रोक नहीं लगाई जाए

हलफनामे में आगे कहा गया है, "उपरोक्त याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं के अवलोकन से यह स्पष्ट हो जाता है कि ये अनुमानों और अन्य अप्रमाणित मीडिया रिपोर्टों या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं."

केंद्र ने दो पन्नों के एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा फैलाए गए किसी भी गलत नैरेटिव को दूर करने के लिए और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से, विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा, साथ ही, मामले के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी.

केंद्र ने आगे कहा कि केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा पेगासस पर प्रश्नों को संसद के पटल पर पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है.

शीर्ष अदालत विभिन्न दिशा-निर्देशों की मांग वाली याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रही है, जिसमें एक एसआईटी जांच, एक न्यायिक जांच और सरकार को निर्देश देना शामिल है कि क्या उसने नागरिकों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था या नहीं. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाओं को बाद में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.