Pandit Jawaharlal Nehru Jayanti: वर्ल्ड कप फीवर के बीच जयराम रमेश ने क्रिकेटर नेहरू को उनकी जयंती पर किया याद
Jairam Ramesh

नई दिल्ली, 14 नवंबर : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और क्रिकेट वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के बीच क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को याद किया. रमेश ने कहा कि नेहरू ने कई राज्यों में बाढ़ राहत की खातिर धन जुटाने के लिए एक क्रिकेट मैच खेला था और नवंबर 1948 में वेस्ट इंडीज और भारतीय क्रिकेट टीमों द्वारा उन्हें भेंट किए गए क्रिकेट बल्लों और पुस्तकों की नीलामी की थी.

नेहरू को श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, "आज जवाहरलाल नेहरू की 134वीं जयंती है, 'सौम्य महानायक', जिन्होंने 20वीं सदी के भारत की नींव रखी." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए, जयराम रमेश ने कहा: "उनकी विरासत जीवित है और वह कई तरीकों से गूंजती रहती है. यहां तक कि स्वयंभू विश्वगुरु और उनके लोग नेहरू के योगदान को नकारने की पूरी कोशिश करते हैं -- उन्हें अपमानित करना, नीचा दिखाना और बदनाम करना." यह भी पढ़ें : Indigo ने कपल को देरी से दिया सामान, अब कोर्ट के आदेश पर देना होगा 70 हजार रुपये का मुआवजा

भारत में चल रहे विश्व कप टूर्नामेंट का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा, "आज, जब देश पांच दिन बाद क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की जीत का इंतजार कर रहा है, तो आइए हम क्रिकेटर नेहरू को याद करें. 12 और 13 सितंबर, 1953 को प्रधानमंत्री एकादश ने विभिन्न राज्यों में बाढ़ राहत की खातिर धन जुटाने के लिए नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति एकादश के खिलाफ दो दिवसीय मैच खेला था. नेहरू पूरे समय मैदान पर थे. उन्होंने गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी की और अखबार द हिंदू के पास इस मैच का सुंदर विवरण था."

कांग्रेस नेता ने कहा, "जब खेल चल रहा था तो नेहरू को कुछ मिनटों के लिए रेडियो पर बोलने का समय मिला. उन्होंने नवंबर 1948 में वेस्टइंडीज और भारतीय क्रिकेट टीमों द्वारा उन्हें उपहार में दिए गए क्रिकेट बल्लों और पुस्तकों की नीलामी की. तब दोनों टीमों ने दिल्ली में एक टेस्ट मैच खेला था. साथ ही राष्ट्रमंडल और भारतीय क्रिकेट टीम ने भी फरवरी 1951 में कानपुर में एक टेस्ट मैच खेला था.'' रमेश ने समाचार रिपोर्ट संलग्न करते हुए कहा, "सौभाग्य से, उन्होंने दोनों अवसरों पर हिंदी में जो कहा, वो भावी पीढ़ी के लिए एक संदेश है. वे आज भी पढ़ने के लिए अद्भुत हैं."