नई दिल्ली. देश के प्रमुख शहरों में प्याज के दाम अभी भी ऊंचे बने हुए हैं। बृहस्पतिवार को प्याज का औसत बिक्री मूल्य 70 रुपये किलो रहा जबकि पणजी में प्याज का अधिकतम मूल्य 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्याज की कीमत सबसे कम यानी 38 रुपये किलो रही. देश के चार मेट्रो शहरों में से राष्ट्रीय राजधानी में इसकी कीमत 76 रुपये किलो , मुंबई में 92 रुपये किलो , कोलकाता में 100 रुपये किलो और चेन्नई में 80 रुपये किलो रही.
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय , देश भर में फैले 109 बाजार केन्द्रों से जुटाये गये आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक सामग्रियों (चावल , गेहूं , आटा , चना दाल , तुअर (आहर) दाल , मूंग दाल , चीनी , गुड़ , मूंगफली तेल , सरसों तेल , वनस्पति , सूरजमुखी तेल , सोया तेल , पाम तेल , चाय , दूध , आलू , प्याज , टमाटर और नमक) की कीमतों पर नजर रखता है. यह दिलचस्प है कि महंगे प्याज पर अब चोरों की भी नजर है। सूरत के एक सब्जी विक्रेता ने कहा कि तड़के उसकी दुकान से 25,000 रुपये मूल्य के 250 किलो प्याज चुरा लिये गये. सरकार ने बुधवार को देश भर के व्यापारियों पर प्याज का स्टॉक रखने की सीमा पर रोक की अवधि अनिश्चित समय लिए आगे बढ़ा दी. यह भी पढ़े-देशभर की मंडियों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने से भी नहीं रहा दाम, 40-60 रुपये प्रति किलो हुई कीमत
प्याज का स्टॉक रखने की सीमा सितंबर में तय की गई थी। वर्तमान में, खुदरा व्यापारी केवल 100 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं और थोक व्यापारियों को 500 क्विंटल तक का स्टॉक रखने की अनुमति है. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा था कि सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय करने के अलावा, केंद्र ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस सब्जी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है तथा 1.2 लाख टन प्याज का आयात भी किया है. सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एमएमटीसी ने बताया कि मिस्र से प्याज की पहली खेप दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आएगी। एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है.
मूल्य वृद्धि पर चिंता जताते हुए, पासवान ने कहा था कि स्थिति की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पांच केंद्रीय मंत्रियों का एक दल इस पर नजर रख रहा है. दल के सदस्यों में वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह ने पहले ही एक बैठक हुई है और दूसरी जल्द ही होगी.