देशभर की मंडियों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने से भी नहीं रहा दाम, 40-60 रुपये प्रति किलो हुई कीमत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- IANS)

देशभर की मंडियों में प्याज (Onion) की आपूर्ति बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद इसकी कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी है. देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज की आवक में वृद्धि होने के बावजूद कीमत घटने के बजाए बढ़ ही गई. कारोबारियों ने बताया कि आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) में प्याज के थोक दाम में करीब पांच रुपये प्रति किलो यानी 500 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई. आजादपुर मंडी में शनिवार को जहां प्याज का थोक भाव 35-55 रुपये प्रति किलो था वहीं सोमवार को थोक भाव 40-60 रुपये प्रति किलो हो गया.

दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा कारोबारी 80-100 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं. आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण महाराष्ट्र समेत सभी प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेशों में नई फसल को काफी नुकसान हुआ है, जबकि पुराने प्याज का स्टॉक बहुत कम बचा हुआ है, इसलिए कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना है.

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आवक बढ़ने पर भी दाम नहीं घटने को लेकर पूछने पर उन्होंने कहा कि किसान से ही उंचे भाव पर प्याज की खरीद हो रही है, जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि शनिवार के मुकाबले आवक में 10 फीसदी से ज्यादा वृद्धि होने के बावजूद प्याज की कीमत बढ़ गई है.

केंद्र सरकार ने प्याज के दाम को काबू में रखने के मकसद से पिछले सप्ताह एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी को एक लाख टन प्याज का आयात करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से बताया कि सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है.

उन्होंने कहा, "सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक लाख टन प्याज के आयात का फैसला लिया है. एमएमटीसी 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच आयातित प्याज देश में वितरण के लिए उपलब्ध कराएगा और नैफेड को देश के हर हिस्से में प्याज का वितरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है." कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज की सप्लाई बढ़ने पर दाम में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन जब तक नई फसल की आवक जोर नहीं पकड़ेगी तब तक प्याज की महंगाई थमने की संभावना कम है. पिछले साल 2018-19 में देश में प्याज का उत्पादन 234.85 लाख टन था.