महामारी के दौर में या एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोजगार के लिए गए लोगों के लिए राशन लेना अब और आसान हो गया है. केंद्र सरकार की योजना वन नेशन वन राशन कार्ड पूरे देश में लागू हो चुकी है. अब राशन कार्ड धारक देश के किसी भी राज्य से आसानी से राशन ले सकेंगे. हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने One Nation, One Ration Card योजना को मंजूरी दी. सरकार के मुताबिक इससे फर्जी राशन कार्ड और भ्रष्टाचार में कमी आएगी.
खास बात ये है कि इस योजना में कोई नए राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है बल्कि पुराने राशन कार्ड भी मान्य होंगे. हांलाकि देश के 20 राज्यों ने अपने यहां इस योजना को लागू कर दिया है। वन राशन कार्ड क्या है और कैसे इसका प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए जरूरी है कि उसके बारे में सब कुछ लोग जानें. यह भी पढ़े: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना को बताया मोदी सरकार की दूसरी पारी की महत्वपूर्ण उपलब्धि
किसी भी राज्य से ले सकते हैं राशन
खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे ने प्रसार भारती से बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह से एटीएम कार्ड का प्रयोग पूरे देश में कहीं भी पैसा निकालने के लिए कर सकते हैं, उसी तरह वन नेशन वन राशन कार्ड है. ऐसे में जब नेशनल स्क्योरिटी फूड एक्ट आया तो राशन दिया जाना लोगों का अधिकार हो गया कि उनके लिए जो राशन की मात्रा तय की गई वह कहीं से भी प्राप्त कर सकें. अब लोग अपने गृह राज्य को छोड़ कर कहीं और गए तो वहां भी राशन ले सकेगें.इसे टेक्नॉलोजी के जरिए जोड़ा गया है और करीब 81 करोड़ लोग और 73 प्रतिशत राशन कार्ड से जुड़ी आबादी इसका प्रयोग कर सकती है.
इस योजना को समझने के लिए दो भागों में बांटा गया है- एक तकनीकी पहलू और दूसरा तार्किक पहलू
तकनीकी पहलू - इसके अंतर्गत सेंट्रल लेवल पर देश में जितने भी राशन कार्ड हैं उनकी सभी जानकारी डिजिटाइजेशन हो, यानी किसी राशन कार्ड में जो भी जानकारी है उसका एक डेटा बनाया गया है। इसके बाद उस राशन कार्ड का जो भी मुख्य लाभार्थी है उसका आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक किया जा रहा है. अब तक पूरे देश में करीब 84 फीसदी राशन कार्ड आधार से राशन कार्ड से लिंक हो गया है.अभी 16 प्रतिशत लाभार्थी बचे हुए हैं.
इसके बाद बायोमेट्रिक है, अगर आप देश में किसी भी राज्य में राशन लेने जाते हैं तो जैसे ही अपना बायोमेट्रेक करेंगे खुद ब खुद राशन से जुड़ी जानकारी आ जाएगी.आपको कितना राशन मिलना है, किस महीने का राशन लेना है, सभी जानकारी ले सकेंगे. इसके अलावा आपके परिवार में जो भी है, उसे वहीं राशन मिलेगा जहां वह है, लेकिन आपका राशन आप जहां वहां मिलेगा। इसके अंतर्गत 3 रूपये प्रति किलो चावल, गेहूं 2 रूपये किलो और जो भी दाल आदि हैं वो एक रूपये किलो है। राशन सबका अधिकार है ऐसे में सबको मिलना चाहिए. सुधांशु पांडे ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक या गरीब लोग हैं उनके लिए यह कदम बहुत जरूरी है। इसके जरिए अपनी बेसिक आवश्यकता खाना है जो बहुत जरूरी है.
तार्किक पहलू - राज्य सरकार पर कोई ज्यादा भार न पड़े, इसके लिए तार्किक पहलू पर ध्यान दिया गया है। दरसल कुछ राज्य सरकारों की माने तो पहले से ही वो राज्य के कार्ड होल्डर को राशन दे रही हैं। ऐसे में नए राशन कार्ड वालों को देने के लिए राशन की कमी हो सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार का पूरे देश में जो एफसीआई गोडाउन का नेटवर्क है वहां से राज्य सरकारों को राशन पहुंचाया जाएगा. यानी जो राज्य में राशन की दुकान हैं या केंद्र हैं वहीं डिलीवरी की जाएगी.
क्या है सिस्टम
जैसे कोई दूसरे राज्य में जाकर अपना नाम किसी केंद्र पर रजिस्टर कराता है तो तभी उस राज्य तक टेक्नॉलजी एडवांस्ड सिस्टम के जरिए किसी एक या उसके जितने परिवार के लोग हैं उनका जानकारी का डेटा भेजेगा कि उनका राशन इस राज्य के इस एरिया में रजिस्ट्रेशन हो गया है। इससे खुद ही नए राज्य में राशन कि डिमांड उतनी बढ़ कर आ जाएगी.
अगले महीने से जो भारत सरकार से राशन जाएगा वो बढ़ कर जाएगा. लोगों को सिर्फ एक महीने इंतजार करना होगा कि इस महीने रजिस्ट्रेशन कराएंगे तो अगले महीने से राशन मिलेगा। रजिस्ट्रेशन के वक्त ये बता सकते हैं कि किसी को 6 महीने के लिए राशन चाहिए या एक साल के लिए या हमेशा के लिए चाहिए वो खुद निश्चित करेंगे.