Nuakhai Juhar 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को दी नुआखाई जुहार की बधाई, बोले- यह शुभ दिन सभी के लिए समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाए

नुआखाई जुहार का पर्व ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में नई फसल की खुशी में मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी ने तमाम किसानों को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नुआखाई का विशेष अवसर हमारे किसानों की मेहनत का जश्न मनाने के बारे में है. यह उनके प्रयासों का ही फल है कि पूरे राष्ट्र को अन्न मिलता है. यह शुभ दिन सभी के लिए समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

Nuakhai Juhar 2020: मौसम की नई फसल (New Crop of The Season) का स्वागत करने के लिए किसानों (Farmers) द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक नुआखाई जुहार (Nuakhai Juhar) के खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को किसानों को शुभकामनाएं दी है. नुआखाई जुहार का पर्व ओडिशा (Odisha), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और पड़ोसी राज्यों में नई फसल की खुशी में मनाया जाता है. इस मौके पर पीएम मोदी (PM Modi)  ने तमाम किसानों को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नुआखाई का विशेष अवसर हमारे किसानों की मेहनत का जश्न मनाने के बारे में है. यह उनके प्रयासों का ही फल है कि पूरे राष्ट्र को अन्न मिलता है. यह शुभ दिन सभी के लिए समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाए.

नुआखाई जुहार कृषि और किसानों का पर्व है, जिसे नुआखाई परब (Nuakhai Parab) या नुआकही भेटघाट (Nuakahi Bhetghat) भी कहा जाता है. नुआखाई दो शब्दों का एक संयोजन है, नुआ का अर्थ है नया और खई का अर्थ है खाना. इस तरह से इस पर्व का मतलब हुआ नया खाना. इस विशेष अवसर पर लोग अन्न की पूजा करते हैं और नई फसल से विशेष भोजन तैयार करते हैं. यह भी पढ़ें: Rishi Panchami 2020 Wishes & HD Images: ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Wallpapers, Photos के जरिए दें प्रियजनों को शुभकामनाएं

देखें ट्वीट-

गौरतलब है कि नुआखाई के पर्व को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के ठीक अगले दिन मनाया जाता है. ओडिशा के संबलपुर जिले में स्थित देवी मां समलेश्वरी को किसान अपनी भूमि से पहली उपज को अर्पित करते हैं. इसके अलावा स्थानीय लोग राज्य के स्थानीय संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए इस दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक गीत और नृत्य का आयोजन करते हैं. हालांकि इस साल कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लोग घरों में रहकर सादगी से इस पर्व को मना रहे हैं.

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