Rishi Panchami 2020 Wishes & HD Images: ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Wallpapers, Photos के जरिए दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

Rishi Panchami 2020 Wishes & HD Images In Hindi: हरतालिका तीज (Hartalika Teej) के दूसरे दिन और गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के अगले दिन ऋषि पंचमी (Rishi Panchami) का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखकर ऋषि-मुनियों का स्मरण कर उनकी पूजा-अर्चना करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान काम करने पर रजस्वला दोष लगता है और ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं को रजस्वला दोष से मुक्ति दिलाता है, इसलिए महिलाओं के लिए इस व्रत को उपयोगी और महत्वपूर्ण बताया जाता है.

ऋषि पंचमी के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व बताया जाता है, इस दिन ऋषि-मुनियों की पूजा-अर्चना करने के अलावा लोग एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर ये शानदार हिंदी विशेज, एचडी फोटोज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, फोटोज भेजकर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

2- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

3- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

4- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

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5- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

6- ऋषि पंचमी 2020

ऋषि पंचमी 2020 (Photo Credits: File Image)

इस पर्व से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी के विवाह के कुछ समय बाद ही उसके पति की मौत हो गई. पति की मौत के कुछ दिन बाद उसके शरीर में कीड़े पड़ने लगे. बेटी की ऐसी दुर्दशा देख पिता को उसकी बहुत चिंता हुई. कई वैद्यों से उपचार कराने के बाद भी वह ठीक नहीं हो पा रही थी. एक दिन ब्राह्मणी के पिता ने एक ऋषि से उसकी इस हालत का कारण पूछा, तब ऋषि ने बताया कि आपकी कन्या रजस्वला दोष के कारण यह दुख भोग रही है.

इसके साथ ही उन्होंने इसका उपाय बताते हुए कहा कि ऋषि पंचमी के दिन ऋषियों का पूजन करने औj व्रत करने से इस दोष से मुक्ति मिलती है. ब्राह्मणी ने ऋषि पंचमी का व्रत किया और ऋषियों का पूजन किया, जिसके प्रभाव से वह ठीक हो गई और उसे इस दोष से मुक्ति मिल गई.