EaseMyTrip & Mahadev Online Satta App Relation: ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ईज़माईट्रिप (EaseMyTrip) इन दिनों चर्चा में है, लेकिन वजह ट्रैवल नहीं, बल्कि महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप (Mahadev Betting App) से जुड़ा मामला है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को देशभर में 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की, जिनमें EaseMyTrip के को-फाउंडर निशांत पिट्टी के ठिकाने भी शामिल थे. छापेमारी के बाद अब कंपनी ने सामने आकर स्पष्ट किया है कि उनका महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप (Mahadev Online Satta App) या किसी अन्य सट्टा (Satta Matka) प्लेटफॉर्म से कोई सीधा या परोक्ष संबंध नहीं है.
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बयान जारी करते हुए कहा, ''EaseMyTrip का महादेव सट्टा ऐप या किसी भी अन्य सट्टा प्लेटफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है. हम जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं.''
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EaseMyTrip का बड़ा बयान
ED conducted searches at over 50 locations of various persons/corporates yesterday. Amongst them, one was at EaseMyTrip's Gurugram office. We categorically state that EaseMyTrip has no association with the Mahadev Betting App or any other betting platform: Company Statement to… pic.twitter.com/SSKT5dQEim
— ANI (@ANI) April 17, 2025
किन-किन शहरों में हुई छापेमारी?
ईडी ने बुधवार को मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर में निशांत पिट्टी के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. ईडी को शक है कि **महादेव ऐप से जुड़े 6,000 करोड़ रुपये के अवैध फंड्स EaseMyTrip से जुड़ी कुछ संस्थाओं में पहुंचाए गए हैं.
EaseMyTrip की स्थापना साल 2008 में हुई थी और इसे निशांत, रिकांत और प्रशांत पिट्टी ने मिलकर शुरू किया था. हालांकि अब कंपनी पर लगे संदेह के बाद उन्होंने खुलकर सफाई दी है.
महादेव सट्टा ऐप मामला क्या है?
महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप (Satta Matka App) केस पिछले कुछ समय से ईडी की नजर में है. यह ऐप अवैध सट्टा लगाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता था, जिसमें यूजर्स को आईडी दी जाती थी और बेहिसाब पैसों की हेराफेरी की जाती थी.
ईडी के मुताबिक इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 2,426 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त या फ्रीज़ की जा चुकी है. इसके अलावा 4 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं.
बड़े राजनेता भी शक के दायरे में
महत्वपूर्ण बात ये है कि इस ऐप से छत्तीसगढ़ के कई बड़े राजनेताओं और अफसरों के जुड़े होने के आरोप हैं. ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल छत्तीसगढ़ से ही हैं और उन्होंने महादेव ऐप का पूरा नेटवर्क खड़ा किया.
EaseMyTrip ने खुद को फिलहाल आरोपों से अलग बताया है, लेकिन ईडी की जांच अभी जारी है. आगे की जांच में क्या निकलता है, यह देखना दिलचस्प होगा. हालांकि, कंपनी की ओर से साफ कर दिया गया है कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं.













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