Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई कल, निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी के लिए की जाएगी नए डेथ वारंट की मांग
निर्भया गैंगरेप के दोषी (File Photo)

नई दिल्ली:  साल 2012 के दिल्ली निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape and Murder Case) में दोषियों की तरफ से समय-समय पर याचिका दायर कर फांसी में देरी करने की कोशिशें हो चुकी हैं, जिसके चलते दो बार उनकी फांसी होते-होते टल गई. अब निर्भया के तीन दोषियों (Convicts of Nirbhaya) के फांसी से बचने के लगभग सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्प खत्म हो गए हैं. गुरुवार को जहां तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस (Patiala House Court) में दोषियों के लिए नया डेथ वारंट (New Death Warrant) जारी करने का अनुरोध किया तो वहीं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र सरकार (Central Government) की एक याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें दोषियों को जल्द फांसी देने के लिए नए डेथ वारंट की मांग की जाएगी. बता दें कि दूसरी बार दोषियों की फांसी टलने के बाद केंद्र सरकार और तिहाड़ प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. केंद्र सरकार की जल्द फांसी की मांग वाली याचिका पर कल यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.

निर्भया गैंगरेप मामले में सुनवाई कल- 

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने की केंद्र व दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि दोषियों को अलग-अलग नहीं, बल्कि एक साथ ही फांसी दी जाएगी. कोर्ट ने सात दिन के भीतर दोषियों को उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया, जिसके बाद डेथ वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह भी पढ़ें: निर्भया गैंगरेप केस: दोषियों को जल्‍द फांसी देने का मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

दरअसल, केंद्र और दिल्ली सरकार ने कोर्ट के 31 जनवरी के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने निर्भया के चारों गुनहगारों मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय कुमार और अक्षय कुमार की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. इन चारों दोषियों में से अक्षय, मुकेश और विनय की दया याचिका खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने अभी तक दया याचिका दायर नहीं की है.

पहले दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी होनी थी, जो टल गई. इसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर 1 फरवरी सुबह 6 बजे का समय दोषियों को फांसी देने के लिए निर्धारित किया था, लेकिन कोर्ट ने अगले आदेश तक उस पर रोक लगा दी.

गौरतलब है कि दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय निर्भया के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. सात साल पहले 6 आरोपियों ने इंसानियत को शर्मसार करते हुए निर्भया के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद उसे चलती बस से नीचे फेंक दिया था. इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद करीब 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने वाली निर्भया ने 29 दिसंबर 2012 को दम तोड़ दिया.