नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape and Murder Case) में दोषियों की फांसी की सजा टलने के बाद से ही कड़ी प्रतिक्रिया सामने आयी है. इस मसले में दोषियों की तरफ से समय-समय पर याचिका दायर कर फांसी में देरी करने की कोशिशें हुई है. इसी बीच दोषियों की फांसी एक बार फिर टलने के खिलाफ केंद्र सरकार (Modi Government) और तिहाड़ प्रशासन (Tihar Jail) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) में याचिका दायर की थी. बताना चाहते है कि कोर्ट ने 1 फरवरी को दोषियों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और आगे की सुनवाई 2 फरवरी को पूरी हुई. इसके साथ ही अब दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान मोदी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने पक्ष रखते हुए कहा कि दोषी कानून का मजाक बना रहे हैं और उन्हें जल्द से जल्द फांसी होनी चाहिए. दूसरी तरफ निर्भया के दोषी मुकेश की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कोर्ट में कहा कि उसने एक बेहद जघन्य अपराध किया है बावजूद उसके उसे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है. यह भी पढ़े-Nirbhaya Gangrape Case: हाई कोर्ट में बोले SG तुषार मेहता- जिनके कानूनी विकल्प खत्म, उन्हें दे दी जाए फांसी, दोषी उठा रहे फायदा
ANI का ट्वीट-
Delhi High Court reserved order on Center and Tihar jail's plea challenging the trial court's order which had stayed the execution of the convicts in the 2012 Delhi gang-rape case. pic.twitter.com/V2z8D0utpx
— ANI (@ANI) February 2, 2020
गौरतलब है कि 23 वर्षीय छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 6 लोगों द्वारा गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. जिसके बाद आरोपियों ने उसे बस से नीचे फेंक दिया था. वही 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले के 6 आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. वही आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था जिसे तीन साल की सजा काटने के बाद बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.