Nirbhaya Gangrape Case: हाई कोर्ट में बोले SG तुषार मेहता- जिनके कानूनी विकल्प खत्म, उन्हें दे दी जाए फांसी, दोषी उठा रहे फायदा
निर्भया गैंगरेप के दोषी (File Photo)

Nirbhaya Gangrape Case: निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी पर रोक के खिलाफ अर्जी पर रविवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. गृह मंत्रालय की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता हाई कोर्ट में पक्ष रखा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट से कहा कि दोषी कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे कानूनी प्रक्रिया का फायदा उठा रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भी दोषियों की बार-बार टल रही है. दोषी फांसी टालने के लिए बार-बार कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं. ऐसा ही चलता रहा तो यह केस कभी खत्म ही नहीं होगा.

तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि, 'समाज और पीड़िता को न्याय के लिए इन सभी दोषियों को तुरंत फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.' एसजी तुषार मेहता ने यह भी बताया कि दिल्ली जेल नियम कहते हैं कि एक ही अपराध के दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जानी चाहिए, अगर "अपील या आवेदन" लंबित है. इस "अपील या आवेदन" में दया याचिकाएं शामिल नहीं हैं. वे अलग हैं और इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है.

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SG तुषार मेहता की दलील-

दोषियों को जल्द दी जाए फांसी-

तुषार मेहता ने कहा इन्हें अलग- अलग फांसी दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जब तक एक अपराध के सभी दोषियों की अपील पर फैसला नहीं हो जाता, फांसी नहीं हो सकती है. लेकिन दोषियों की अपील खारिज होने के बाद अलग-अलग फांसी हो सकती है. एक साथ फांसी देने की कोई अनिवार्यता नहीं है. दोषी इसका फायदा उठा रहे हैं. वे जानबूझकर याचिकाएं देरी से दे रहे हैं. पवन ने अभी तक दया याचिका नहीं दायर की उसकी क्यूरेटिव भी बाकी है. ये लोग कानूनी प्रक्रिया का फायदा उठा रहे हैं.

तुषार मेहता ने कहा देरी के लिए दोषियों द्वारा जान-बूझकर प्रयास किए जा रहे हैं. यह सब सोच समझकर किया जा रहा है. यह न्याय प्रणाली का मजाक उड़ाने जैसा है. तुषार मेहता ने कहा, न्याय देने में देरी नहीं होनी चाहिए. मौत की सजा में देरी नहीं होनी चाहिए. इन्होंने एक लड़की का सामूहिक रेप किया. तुषार मेहता ने कहा, इसके बाद जो किया मैं कह भी नहीं सकता. तुषार मेहता ने कहा कि दोषी ये सोचते हैं कि जब तक ये क्युरेटिव और दया याचिका दायर नहीं करेंगे तब तक कोई इनको फांसी पर नहीं लटका सकता. ये जान बुझ कर किया जा रहा है.