नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में चल रहे हुक्का बार (Hookah Bar) पर बड़ा आदेश दिया है. दरअसल, एनजीटी के समक्ष एक याचिका दायर कर के दिल्ली में हुक्का बार को बंद कराने की मांग की गई थी. एनजीटी ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. एनजीटी ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हुक्का बार को एनजीटी एक्ट के अंतर्गत प्रदूषण (Pollution) फैलाने वाले कारकों में शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे पर्यावरण (Environment) में प्रदूषण नहीं फैलता बल्कि यह बंद कमरे में की जाने वाली चीज है.
एनजीटी ने गुरुवार को पर्यावरण और वन मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह घरेलू वायु प्रदूषण (Indoor Air Pollution) के संदर्भ में हुक्का के प्रभावों की जांच करे और इस मुद्दे पर उचित मानक निर्धारित करे. न्यायमूर्ति राघुवेन्द्र एस. राठौर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि शहर में रेस्त्रानों और बारों में हुक्का के इस्तेमाल रोकना उसके न्यायक्षेत्र में नहीं है. पीठ ने कहा कि अधिकरण पर्यावरण और वन मंत्रालय को यह सिफारिश करना चाहेगा या सलाह देना चाहेगा कि वह घरेलू वायु प्रदूषण के संदर्भ में हुक्का के प्रभावों पर विचार करे और जांच करे. यह भी पढ़ें- मोहन भागवत ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- कोई युद्ध नहीं फिर भी बॉर्डर पर शहीद हो रहे हैं जवान
पीठ ने कहा कि अगर (मंत्रालय का) विचार सकारात्मक होता है, तो वे इसके लिए मानक लाएं और निर्धारित करें ताकि मानकों के किसी उल्लंघन के मामले से निबटा जा सके. पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश का जिक्र किया कि हुक्का सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के तहत आता है जो अधिकरण के न्यायक्षेत्र में नहीं आता. अधिकरण ने यह निर्देश दिल्ली के बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा की एक याचिका निबटाते हुए दिया. सिरसा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुक्का बार पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
भाषा इनपुट