Gold Loan Rule: सोना गिरवी रख लेना चाहते है कर्ज, तो जान लें गोल्ड लोन से जुड़े नए नियम
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सोने के खिलाफ ऋण पर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन नियमों के अनुसार, अब सोने के बुलियन (Gold Bullion) या बार (Bar), डिजिटल सोना (Digital Gold), सोने के म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Funds), या सोने के ईटीएफ (Gold ETFs) के खिलाफ ऋण नहीं मिलेगा.

आरबीआई ने यह नियम क्यों बनाया?

आरबीआई ने यह नियम इसलिए बनाया है, क्योंकि सोने के कुछ रूपों में जोखिम होता है. इनमें निवेश करने से आपको नुकसान हो सकता है. इसलिए आरबीआई ने इन रूपों के बदले ऋण देने पर रोक लगाई है.

गहने और आभूषण के खिलाफ ऋण

अब ऋण केवल गहने, आभूषण, और सिक्कों के खिलाफ ही दिया जाएगा. इसके लिए आरबीआई ने गहने और आभूषण की परिभाषा भी स्पष्ट की है. गहने में व्यक्तिगत सजावट के लिए डिज़ाइन किए गए आइटम शामिल हैं, जबकि आभूषण में सजावटी आइटम या बर्तन शामिल हैं, जो गहने की परिभाषा में नहीं आते हैं.

सुरक्षा सीमा

आरबीआई ने सुरक्षा की सीमा भी तय कर दी है. इसके अनुसार सोने के आभूषणों के लिए सुरक्षा सीमा एक किलोग्राम से अधिक नहीं होगी, जबकि चांदी के आभूषणों के लिए यह सीमा 10 किलोग्राम से अधिक नहीं होगी. इसी प्रकार सोने के सिक्कों के लिए सुरक्षा सीमा 50 ग्राम से अधिक नहीं होगी, जबकि चांदी के सिक्कों के लिए यह सीमा 500 ग्राम से अधिक नहीं होगी.

ऋण अवधि

आरबीआई ने कहा है, कि सोने या चांदी के बदले लिए जाने वाले उपभोग ऋण (Consumption Loan), खासकर 'बुलेट रिपेमेंट' (Bullet Repayment) वाले की अवधि 12 महीने तक सीमित होगी. बुलेट रिपेमेंट का मतलब है, कि आपको लोन का पूरा मूलधन और ब्याज एक साथ चुकाना होता है, जो आमतौर पर लोन की अवधि के अंत में होता है. यह अवधि 12 महीने से अधिक नहीं होगी, लेकिन इसे रिन्यू (renew) भी किया जा सकता है.

मालिकाना हक

आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है, की अब अगर आप सोने के बदले ऋण लेना चाहते हैं, तो आपको यह साबित करना होगा कि वह सोना आपका अपना है. अगर सोने की स्वामित्व के बारे में कोई संदेह है, तो बैंक आपको ऋण नहीं देगा. आपको इसके लिए एक उपयुक्त दस्तावेज़ या घोषणापत्र देना होगा जिसमें यह बताया गया हो कि सोना आपका हैइससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि ऋण लेने वाला व्यक्ति वास्तव में सोने का मालिक है, और ऋण चुकाने के लिए वही जिम्मेदार होगा.

इन नए नियमों का मकसद सोने के ऋण को और भी सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है. इससे लोगों को ऋण लेते समय अधिक सावधानी बरतने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने पैसे के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी. इससे ऋण देने वाली संस्थाओं को भी फायदा होगा क्योंकि वह  अपने पैसे की सुरक्षा के बारे में अधिक सुनिश्चित हो पाएंगे.