नया मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) लागू हो जाने बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने पर होने वाले जुर्माने की खबरें अब आम हो चुकी हैं. इसी के साथ अब हर राज्य से इसके बारे में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. क्योंकि सरकार ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी है. बढे हुए रकम को लेकर जहां एक तरफ विपक्ष सरकार पर हमला कर रही है. वहीं हैरान कर देने वाली कुछ बाते ऐसी भी हैं उन राज्यों की सरकारों ने भी जुर्माने की रमक को कम कर दिया है, जहां पर बीजेपी की सरकार है. नए प्रावधान लागू करने से इनकार कर दिया है.
गुजरात सरकार ने हाल में पारित किए गए नए मोटर वाहन अधिनियम में निर्धारित दंड राशि को मंगलवार को कम कर दिया है. तो अब महाराष्ट्र (Maharashtra Government) ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) को पत्र लिखा है. महाराष्ट्र सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से मना कर दिया है. दूसरी तरफ इस एक्ट में उत्तराखंड सरकार ने आंशिक संशोधन किया है. सूबे की सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियमों की जुर्माना राशि में करीब 50 फीसदी तक की कटौती की है.
वहीं कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री गोविन्द करजोल ने कहा कि अच्छी सड़कों के कारण एक्सीडेंट होते हैं. क्योंकि गाड़ियां लोग तय स्पीड से अधिक गति से चलाते हैं. वहीं मोटर व्हीकल एक्ट पर कहा कि अधिक जुर्माने को नहीं मानता हूं. झारखंड की तरह हरियाणा में भी आने वाले समय विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे वहां भी असमंजस की स्थिति बनी हुई.
Karnataka Dy CM Govind Karjol: Major accidents happen due to good roads where people drive at the speed of 120 to 160 kmph. Majority of accidents occur on highways. I don't support levying high fines. We will take a decision on the revision of fines during cabinet meeting (11.9) pic.twitter.com/NP0TeT35Pq
— ANI (@ANI) September 12, 2019
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वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि राज्य संशोधित मोटर वाहन कानून को लागू नहीं करेगा क्योंकि इसके तहत प्रस्तावित भारी जुर्माना आम आदमी पर बहुत बोझ डाल देगा. बनर्जी ने कहा कि एक संघीय ढांचे में मोटर वाहन (संशोधन) कानून लागू करने जैसे मुद्दों पर फैसला लेना एक राज्य का विशिष्ट अधिकार होता है. इसके अलावा राजस्थान सरकार ने संशाेधित कानून के 33 प्रावधानों में से 17 में बदलाव कर जुर्माना राशि कम करने और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि वह इस बारे में केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लागू करने से पहले तीन महीने का समय देने की बात कही है.