नोटबंदी के बाद भी चल रहा फेक करेंसी का खेल, NCRB की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा- सबसे जादा मिल रहे 2000 के जाली नोट
रुपया (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: नोटबंदी (Demonetisation) के बाद केंद्र सरकार द्वारा 2000 के नोट लाने का मकसद विफल होता नजर आ रहा है. राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक नकली करेंसी के तौर पर पकड़ी गयी राशि में अधिकांश 2000 के नोट शामिल है. इसके आलावा एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों से पता चला है कि 2018 की तुलना में 2019 में नकली नोटो की जब्ती अधिक हुई है. असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था नोटबंदी, इसके खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए: राहुल गांधी

‘द हिंदू’ की खबर के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से साल 2019 में 2018 के मुकाबले नकली नोटों की बरामदगी जादा हुई है. रिपोर्ट में एनसीआरबी (NCRB) के हवाले से बताया गया है कि 2019 में 25.39 करोड़ रुपये की नकली भारतीय मुद्रा जब्त की गयी है. जबकि इससे एक साल पहले 11.7 फीसदी कम 17.95 करोड़ की नकली करेंसी पकड़ी गयी थी.

नकली नोटों को चलन से बाहर करने के उदेश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को पुराने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही सरकार ने दावा किया था कि नए 2000 के नोटों में कई उच्च सुरक्षा विशेषताएं है, जिसकी वजह से 2000 के नकली नोट बना पाना मुश्किल है.

एनसीआरबी के अनुसार, 2019 में 2000 के कुल 90566 नकली नोट बरामद हुए. दो हजार के सबसे जादा नकली नोट कर्नाटक से 23599 पीस, गुजरात से 14494 पीस और पश्चिम बंगाल से 13,637 पीस पकड़े गए. जबकि पिछले साल सौ रुपये के 71,817 नकली नोट जब्त किये गए गए. सौ रुपये के सबसे जादा जाली नोट दिल्ली (31671 पीस), गुजरात (16159 पीस) और उत्तर प्रदेश (6129 पीस) में मिले.

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले साल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा था कि केंद्रीय बैंक ने 2,000 के नोट की छपाई बंद कर दी है. जबकि सरकार ने साफ कहा है कि अभी 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की कोई योजना नहीं है.

जाली नोटो के संबंध में 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 14 मामले दर्ज किए थे. जाली नोटों की जांच के लिए एनआईए में एक विशेष इकाई बनाई गयी है. हालांकि सरकार के पास प्रचलन में कितने नकली नोट है, इसका कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है. कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान द्वारा साल 2015 में किए गए एक अध्ययन में कहा गया था कि देश में 400 करोड़ मूल्य के नकली नोट चलन में है.