नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेट खिलाडी और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. अदालत ने सिद्धू को रोडरेज के मामले में सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ दिया है. अदालत के इस फैसले के बाद सिद्धू को जेल नहीं जाना पड़ेगा और वह मंत्री बने रहेंगे. इस फैसले से उनका सियासी करियर बच गया है. बता दें कि यह मामला साल 1988 का है. 27 दिसंबर, 1988 को पूर्व क्रिकेटर उनके चचेरे भाई ने एक रोडरेज मामले में गुरनाम सिंह व दो अन्य को बुरी तरह मारा था. पिटाई के कारण गुरनाम सिंह की बाद में मौत हो गई थी.
राज्य सरकार ने 12 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा मंत्री को दोषी करार दिए जाने का समर्थन किया. इसने शीर्ष अदालत से कहा कि 65 वर्षीय पीड़ित की सिद्धू के एक ही घूंसे में मौत हो गई.
उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2006 में निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं, बल्कि दिमाग के अगले भाग में चोट लगने से हुई थी. सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई.