बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने नोएडा में नमाज (Namaz) पढ़ने के मामले में पुलिस कार्रवाई को अनुचित और एकतरफा बताया है. मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार की ऐसी कार्रवाई से साफ है कि हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा आम चुनावों में करारी हार से भाजपा के वरिष्ठ नेता किस कदर घबराए हुए हैं. अब उसी हताशा और निराशा से भाजपा गलत व विसंगतिपूर्ण फैसले ले रहे हैं. उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार को अगर सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी लगाने की कोई नीति है तो वह सभी धर्मो के लोगों पर एक समान तौर पर लागू करे."
उन्होंने पूछा कि पूरे प्रदेश के हर जिले में सख्ती से बिना भेदभाव के क्यों नहीं ये नीति लागू नहीं की जा रही है. जुमे की नमाज के संबंध में नोएडा सेक्टर 58 स्थित 23 निजी कंपनियों को भी नोटिस जारी करने की कार्रवाई गलत और गैर जिम्मेदाराना है. यह भी पढ़ें- एनडीए के एक और सहयोगी ने दिखाए बागी तेवर, नाराज अनुप्रिया पटेल कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली लौटीं
मायावती ने कहा, ''भाजपा सरकार की नीयत और नीति दोनों पर ही उंगली उठना व धार्मिक भेदभाव का आरोप लगना स्वाभाविक है. चुनाव के समय इस तरह धार्मिक विवाद पैदा कर भाजपा अपनी सरकार की कमियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है. भाजपा सरकार इसे हर जिले में क्यों नहीं लागू कर पा रही है. नियम किसी जिले विशेष के लिए क्यों बनाया गया है."
उन्होंने कहा, "यूपी ही नहीं केंद्र की भाजपा सरकार का भी हर काम धार्मिक उन्माद बढ़ाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला प्रतीत हो रहा है. ये अति निंदनीय है. जनता इनकी इस प्रकार के षड्यंत्रों को अच्छी तरह से समझ गई है और इनके किसी भी बहकावे में आने वाली नहीं है."
बसपा मुखिया ने कहा कि नोएडा में उस स्थल पर फरवरी 2013 से ही जुमे की नमाज लगातार हो रही है. अब चुनाव के समय उस पर पाबंदी लगाने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि पहले ये कार्रवाई क्यों नहीं की गई.