नागपुर: वेदांत देवकाटे (Vedant Deokate) अपनी मां के पुराने लैपटॉप पर इंस्टाग्राम ब्राउज कर रहे थे, तभी उन्हें एक वेबसाइट डेवलपमेंट प्रतियोगिता (Website Development Competition) का लिंक मिला. उन्होंने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. दो दिनों में उन्होंने कोड की 2,066 पंक्तियां लिख डाली, जिसके प्रभावित होकर एक अमेरिकी कंपनी में नौकरी ऑफर किया. सैलरी पैकेज करीब 33 लाख रुपये सालाना (Rs 33 Lakh Annual Package)तय हुआ. Delhi: दिल्ली में गरीब बच्चे भी बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी, Spoken English Course शुरू करेगी केजरीवाल सरकार
इतना बड़ा पैकेज ऑफर पाकर वेदांत बेहद खुश थे, लेकिन उनके सपनों के बीच उनकी उम्र आड़े आ गई. महज 15 साल उम्र होने के चलते उन्हें यह नौकरी नहीं मिल सकी. न्यू जर्सी की विज्ञापन एजेंसी चाहती थी कि वेदांत उनकी एचआरडी टीम में शामिल हों और वर्क असाइन के साथ कोडर्स को मैनेज करें, लेकिन बाद में उनकी उम्र जानने के बाद कंपनी ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया. उसे दुनिया भर से लगभग 1,000 प्रविष्टियों में से चुना गया था.
कंपनी ने कहा पढ़ाई पूरी करें
कंपनी ने वेदांत को सुझाव दिया कि वह अपनी शिक्षा पूरी करें और फिर नौकरी के लिए उनसे संपर्क कर सकते हैं. फर्म ने वेदांत को लिखा, 'हम आपके अनुभव, व्यावसायिकता और दृष्टिकोण से बेहद प्रभावित हैं. हमारी टीम ने आपकी प्रजेंटेशन को पसंद किया है. हमारी रणनीति में आपकी अंतर्दृष्टि को महत्व दिया.' आपको निराश होने की जरुरत नही हैं."
वेदांत ने कहा कि लॉडाउन के दौरान उसने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए इंटरनेट पर रिसर्च की. अपनी मां के लैपटॉप पर सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट, कोडिंग और पायथन जैसी तकनीकों पर लगभग दो दर्जन ट्यूटोरियल सेशन अटेंड किए. वेदांत ने वेबसाइट डिवेलप करने के लिए में के स्लो और पुराने लैपटॉप पर काम किया. वेदांत के पिता राजेश और मां अश्विनी नागपुर के इंजिनियरिंग कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं.