सहारनपुर/उत्तर प्रदेश, 23 अक्टूबर: दारुल उलूम देवबंद के मौलवियों ने बागपत के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने सब-इंस्पेक्टर इंतेसर अली (Sub-Inspector Intesar Ali) को दाढ़ी रखने पर निलंबित कर दिया. सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई को 'गलत' करार देते हुए मौलवी एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी मुस्तफा देहलवी ने कहा कि पूर्वाग्रह के आधार पर कार्रवाई की गई है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
उन्होंने मांग की है कि सरकार एसपी के खिलाफ कार्रवाई करे. कुछ अन्य मौलवियों, जिन्होंने नाम न जाहिर की शर्त पर बात की, इन मौलवियों ने भी कहा कि यह कार्रवाई 'धार्मिक प्रतिशोध' का परिणाम है. बागपत में तैनात सब-इंस्पेक्टर को या तो अपनी दाढ़ी को शेव करने या फिर अपेक्षित अनुमति लेने के लिए कहा गया था क्योंकि पुलिस मैनुअल में सिखों को छोड़कर किसी भी जवान को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है.
अली को शेव करने या दाढ़ी रखने की अनुमति लेने के संबंध में तीन बार चेतावनी दी गई थी. हालांकि, पुलिसकर्मी ने अनुमति नहीं ली और दाढ़ी रखना जारी रखा. इससे पहले, बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि पुलिस मैनुअल के अनुसार, केवल सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति है, जबकि अन्य सभी पुलिसकर्मियों को बिना दाढ़ी के रहना होगा.
एसपी ने कहा, "अगर कोई पुलिसकर्मी दाढ़ी रखना चाहता है, तो उसे उसी की अनुमति लेनी होती है. इंतेसर अली से बार-बार अनुमति लेने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इसका अनुपालन नहीं किया और बिना अनुमति के दाढ़ी रखनी जारी रखी." अली पुलिस बल में सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुए और पिछले तीन वर्षों से बागपत में तैनात थे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.