Mumbai-Pune Missing Link Project: मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट का काम अंतिम चरण में, दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद
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Mumbai–Pune Missing Link Project: मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का 'मिसिंग लिंक' प्रोजेक्ट का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा विकसित इस परियोजना का लगभग 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. अधिकारियों का कहना है कि सभी सिस्टम टेस्टिंग सफल होने पर दिसंबर 2025 में इसका उद्घाटन हो सकता है. इस प्रोजेक्ट के चालू होने से मुंबई-पुणे यात्रा का समय लगभग 30 मिनट कम हो जाएगा और कुल दूरी में 6 किलोमीटर की कमी आएगी.

13.3 किलोमीटर लंबा है ब्रिज

यह 13.3 किलोमीटर लंबा, आठ लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल्ड खंड लोनावला-खंडाला घाट क्षेत्र को बायपास करने के लिए बनाया गया है, जो भीड़भाड़ और दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात है. 6,600 करोड़ रुपये की लागत वाला यह प्रोजेक्ट घाट के घुमावदार रास्तों को सुरंगों और ऊंचे पुलों के जरिए सीधा करेगा.इससे वाहनों की गति 120 किमी/घंटा तक बढ़ेगी, जिससे ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण में कमी आएगी. यह भी पढ़े: Pune-Solapur NH Accident: पुणे-सोलापुर NH पर भीषण सड़क हादसा, नियंत्रण खोने से टेंपो खिलौने की तरह पिकअप वैन पर पलटा; VIDEO

प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं

  • दो प्रमुख सुरंगें: 9 किमी और 2 किमी लंबी, जो लोनावला झील के नीचे से गुजरती हैं. दोनों सुरंगें पूरी हो चुकी हैं.
  • केबल-स्टे ब्रिज: टाइगर वैली पर 650 मीटर लंबा और 132 फीट ऊंचा यह ब्रिज भारत के सबसे ऊंचे ढांचों में से एक है. इसका निर्माण अंतिम चरण में है.
  • वायडक्ट: 180 मीटर ऊंचा वायडक्ट पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करेगा. पहला वायडक्ट तैयार है, दूसरा अंतिम चरण में है.

 2019 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

कार्य जून 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन जटिल भूभाग, मौसम और निर्माण चुनौतियों के कारण समयसीमा कई बार बढ़ी. मूल लक्ष्य मार्च 2024 था, जो जनवरी, मार्च, जून और अगस्त 2025 तक खिसक गया। हालिया समीक्षा में 90-95% कार्य पूर्ण होने की पुष्टि हुई है, अगस्त 2025 में विधानसभा पैनल को एमएसआरडीसी ने दिसंबर तक कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया,

सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे का दौरा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में प्रोजेक्ट साइट का दौरा किया. फडणवीस ने नवंबर-दिसंबर 2025 तक उद्घाटन की उम्मीद जताई, जबकि शिंदे ने इंजीनियरिंग की सराहना की, लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पश्चिमी महाराष्ट्र में लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, रियल एस्टेट और उद्योगों को बढ़ावा देगा.