भोपाल, 7 जनवरी : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिना अनुमति संचालित बाल गृह से 26 बालिकाओं के गायब होने के बाद अपने-अपने घरों तक पहुंचने के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तीन अफसरों को निलंबित कर दिया गया है. बीते रोज राजधानी के परवलिया सड़क थाना क्षेत्र के तारा सिवनिया में आंचल चिल्ड्रन होम संचालित होने के साथ उससे 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला सामने आया. प्रशासन ने खोज खबर ली तो सभी बालिकाओं के अपने-अपने घरों तक पहुंचने की बात सामने आई.
भोपाल के संभागायुक्त पवन शर्मा ने बाल गृह आंचल के अवैध संचालन में लापरवाही पर महिला एवं बाल विकास विभाग के तीन अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है. ग्राम तारासेवनियां जिला भोपाल में संचालित आंचल चिल्ड्रन होम के संबंध में जिला प्रशासन के द्वारा जांच की गई और पाया गया कि संस्था किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 एवं आदर्श नियम-2016 के मापदण्डों के अनुसार संचालित होना नहीं पाया गया. यह भी पढ़ें : Attack on ED officers: फरार तृणमूल नेता के पास हैं 17 कारें, ढ़ाई करोड़ का सोना, 14 एकड़ जमीन
उक्त चिल्ड्रन होम का किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 की धारा 41 अन्तर्गत पंजीकरण- मान्यता नहीं है. यह संस्था वर्ष 2020 से संचालित है. इस चिल्ड्रन होम के संचालक अनिल मैथ्यू एवं पदाधिकारी के विरूद्ध किशोर न्याय बालिकाओं की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम-2015 के उल्लंघन में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है. वहीं संस्था में निवासरत 41 बालिकाओं को बाल कल्याण समिति भोपाल के समक्ष प्रस्तुत कराया गया.
बाल कल्याण समिति द्वारा सभी बालिकाओं से चर्चा उपरान्त कुल 41 बालिकाओं को बाल कल्याण समिति, जिला भोपाल द्वारा विधिवत आदेश करते हुए किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अन्तर्गत पंजीकृत शासकीय बालिका गृह भोपाल में 14, बाल निकेतन ट्रस्ट बाल गृह में 10 और नित्य सेवा सोसायटी में 17 बालिकाओं को प्रवेश कराया गया है.
आंचल चिल्ड्रन होम की बालिकाओं के गायब होने के मामले की जांच और बालिकाओं के अपने घरों तक पहुॅचने की पुष्टि के बाद संभाग आयुक्त भोपाल के द्वारा तत्कालीन परियोजना अधिकारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, वर्तमान में परियोजना अधिकारी कोमल उपाध्याय एवं पर्यवेक्षक मंजूषा राज को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.