Uttar Pradesh Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद उस वक्त धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं जब अवैधन निर्माण के खिलाफ एक्शन लेने वाले स्थानीय प्रशासन ने शहर के दो मंदिरों पर तालाबंदी कर दी. प्रशासन ने अपनी जांच में पाया कि पार्क में बने इन मंदिरों के आस-पास काफी गंदगी थी और इनका अवैध निर्माण किया गया था. इस मामले में जब पुजारी से मंदिर निर्माण के दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया तो वो कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका. इसके बाद प्रशासन ने इन दोनों मंदिर को सील कर दिया.
घटना बीते मंगलवार की बताई जा रही है जहां एमडीए ने इस मंदिर के नक्शे आदि पर आपत्ति करते हुए मंदिर में ताला डाल दिया था. जिसके बाद स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ धर्मगुरु भी भड़क उठे. इस मामले में धर्मगुरु धीरशांत दास ने एमडीएम की इस कार्रवाई को विवेकहीन कार्रवाई बताया.
Moradabad Development Authority (MDA) locked down 2 temples at parks in Sec 13 & 16 after residents allegedly failed to keep the surroundings clean.
MDA's Madhusudan Hulgi says, "Found garbage in our regular inspections . After they agreed to keep them clean, we unlocked them." pic.twitter.com/M4HBolfiwp
— ANI UP (@ANINewsUP) October 28, 2021
उन्होंने कहा जहां मंदिर में विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हो और श्रद्धालु सेवा करते हो. धार्मिक कथाओं के आयोजन होते हों वहां ताला लगाना पूरे समाज का अपमान है. धर्मगुरु ने प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की बात तक कही दी.
एमडीए उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने बताया हमने वहां एक नौकरानी और सफाई कर्मचारी को तैनात किया है. एमडीए की एक दीवार गिराकर गेट बनाया, लेकिन हमने कार्रवाई नहीं की. मंदिर में ताला डालने और सील बंदी की बात पूरी तरह गलत है.
उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास और पार्क में काफी गंदगी और कचरा पाया गया. निवासी कथित तौर पर आसपास के क्षेत्र को साफ रखने में विफल रहे हैं. हमारे नियमित निरीक्षण में कचरा मिला. स्थानीय नागरिकों के साफ-सफाई के प्रति सहमत होने के बाद, हमने मंदिरों को पूर्व की तरह सुचारू किया है. उन्होंने बताया, उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए यह कार्रवाई की गई थी. बता दें कि अवैध निर्माण के खिलाफ एमडीए लगातार कार्रवाई कर रहा है. पिछले दो महीनों से प्रशासन हर दिन अवैध निर्माण पर सीलबंदी कर रहा है.