नई दिल्ली: लगभग देश के आधे से ज्यादा हिस्से में बारिश ने दस्तक दे दी है. लेकिन कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात हैं तो कही लोगों को बारिश के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में बताना चाहते है कि गुजरात में ये सैलाब सबसे ज़्यादा सितम ढा रहा है. सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि गुज़रते वक़्त के साथ भी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है. आलम यह है कि यहां सैलाब की शक्ल में बाढ़ का पानी नदी-नालों की सरहद तोड़कर शहरों और गांवों में दाखिल हो चुका है.
दूसरी तरफ बताना चाहते है कि भारी बारिश और बाढ़ से बर्बादी सिर्फ गुजरात तक नहीं है. मध्य प्रदेश में भी बरसात ने अपना कहर बरपाया है. मध्य प्रदेश के कई ज़िले पानी पानी है. मध्य प्रदेश के कुछ ज़िलों में मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
एक तरफ गुजरात में लगातार भारी बारिश से हालात को लेकर कांग्रेस-बीजेपी जमकर राजनीति करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने 20 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे को टालने पर सवाल खड़े किए हैं. जिससे बीजेपी तिलमिला गई और बीजेपी के भरत पांड्या ने जवाबी कार्यवाही में कहा कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी अपना दौरा रद्द कर दिया.
सूबे के सीएम विजय रुपाणी को लिखे एक पत्र में गोहिल ने कहा कि प्रधानमंत्री को बारिश के बावजूद यहां आना चाहिए.
भारी बारिश का कहर पहाड़ों में भी जारी है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में भी भारी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है.
बारिश के चलते बरां इलाक़े में ऐसा सैलाब आया कि सड़कें तक बह गईं और कुछ गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं. इसके बाद सुरक्षा के मद्देनज़र NH-3 को बंद कर दिया गया.
ज्ञात हो कि मौजूदा समय में देश के क़रीब 16 राज्यों में बारिश और बाढ़ का कहर है. तबाही गुजरात से असम और केरल से कर्नाटक तक दिख रही है. इन मुश्किल हालात में केंद्र ने भी भरोसा दिया है कि वो बाढ़ प्रभावित राज्यों के साथ हैं.