नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की मजबूती को लेकर यू के सिन्हा समिति की सिफारिशों पर जल्द निर्णय करेगी. सेबी के पूर्व प्रमुख की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अन्य बातों के अलावा 5,000 करोड़ रुपये का संकटग्रस्त संपत्ति कोष सृजित करने, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) जैसी योजनाओं की तरह एमएसएमई के कर्मचारियों के लिये बीमा योजना और नकदी प्रवाह आधारित कर्ज योजना की सिफारिश की है.
कर्ज से जुड़ी पूंजी सब्सिडी (क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी) और एमएसएमई के लिये विलम्बित भुगतान पर चर्चा विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाल में गडकरी ने जोर दिया कि भारत को आने वाले साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, इसके लिये एमएसएमई क्षेत्र की जीडीपी में मौजूदा हिस्सेदारी 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है. साथ ही क्षेत्र से निर्यात मौजूदा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना होगा.
एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं जहां माल आपूर्ति के बाद एमएसमई को संबंधित व्यक्ति या इकाई द्वारा भुगतान नहीं किया जाता. गडकरी ने कहा कि ऐसे लोगों और इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की जरूरत है और सरकार निश्चित रूप से इस संदर्भ में कदम उठाएगी.
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यू के सिन्हा समिति की रिपोर्ट के बारे में मंत्री ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री से बात की है और यह निर्णय किया गया है कि वित्त सचिव तथा एमएसएमई सचिव अगले आठ दिनों में सिफारिशों पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त सिन्हा समिति ने अपने सुझाव दे दिये हैं. मैंने आज वित्त मंत्री से बात की और हमने यह निर्णय किया कि वित्त सचिव और हमारे एमएसएमई सचिव संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद समिति की सिफारिशों पर अंतिम रिपोर्ट देंगे ताकि हम उसे उसके 15 दिन बाद लागू कर सके.’’
गडकरी ने कहा कि पांच करोड़ रोजगार सृजित करने के लिये एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत किये जाने की जरूरत है. इस क्षेत्र में अब तक 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.