मुस्लिम महिलाओं को मिला उनका अधिकार, ट्रिपल तलाक अध्यादेश पर मोदी सरकार ने लगाई मुहर
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नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट बैठक में ट्रिपल तालक अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई. बता दें कि ट्रिपल तलाक बिल मानसून सत्र में लोकसभा में तो पास हो गया था लेकिन राज्सभा में आकर अटक गया था. अब इस विधेयक को क़ानूनी जामा पहनाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान तीन तलाक बिल को पास कराने की मंशा अधूरी रह गई थी. राज्यसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन तीन तलाक विधेयक पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इस विधेयक के कुछ प्रावधानों में बदलाव की मांग करते रहे हैं. संशोधन के बावजूद भी ये बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था. जिसके बाद सरकार के पास अध्यादेश लाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था.

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल अगस्त में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, पुरुषों के खिलाफ किसी भी दंडनीय प्रावधान के अभाव में अब भी लोग तीन तलाक दे रहे थे. वहीँ इसे मौलवियों का एक तबका अभी भी वैध मानता है. लेकिन इस अध्यादेश के लागू होने के बाद इस प्रथा के खिलाफ महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी.

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बता दें कि इस बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध माना गया था लेकिन विपक्ष के हंगामें के बाद इसमें संशोधन कर मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार दिया गया है. पूरे विश्व में 50 से ज्यादा इस्लामिक देशों में से 24 इस्लामिक देशों में तीन तलाक को अपने संविधान से निकालकर बाहर फेंक दिया है. हलाला-तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट जाने वाली शबनम रानी पर एसिड अटैक, हालत गंभीर