नई दिल्ली, 23 मार्च : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में बुधवार को स्कूलों में मिड डे मील शुरू करने और आंगनबाड़ियों में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए कम्युनिटी किचन शुरू करने का मुद्दा उठाया. कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान मिड डे मील का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सूखा राशन पके हुए खाने का विकल्प नहीं है. स्कूल जाने वाले बच्चे पके हुए खाने से वंचित है. कोरोना काल में सबसे पहले स्कूलों को बंद किया गया और सबसे देरी से स्कूलों में पढ़ाई शुरू की गई है. ऐसे में बच्चों को सही पोषण उपलब्ध नहीं हो पाया. इसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में भी पके हुए खाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. 5 साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह पका हुआ खाना उपलब्ध कराया जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से इसके लिए कम्यूनिटी किचन को शुरू करने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से स्कूल बंद रहने की वजह से बच्चे मिड डे मील का लाभ नहीं उठा पाए ऐसे में सरकार की तरफ से उन्हें सूखा राशन उपलब्ध कराया जाता है. हालांकि केंद्र सरकार ने मिड डे मील का नाम संशोधित करके पिछले दिनों इसके नाम को 'प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना' में बदल दिया है. यह भी पढ़ें : भाजपा एमसीडी चुनाव समय पर कराकर जीत हासिल करती है तो हम राजनीति छोड़ देंगे: मुख्यमंत्री केजरीवाल
इस स्कीम को 15 अगस्त, 1995 में शुरू किया गया था और सबसे पहले इस स्कीम को 2000 से अधिक ब्लॉकों के स्कूलों में लागू किया गया था. इस स्कीम के सफल होने के बाद योजना को साल 2004 में पूरे देश के सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया था और इस वक्त ये स्कीम देशभर के सराकरी स्कूलों में चल रही है.