Shivaji Nagar Hinjewadi Metro Corridor: शिवाजी नगर और हिंजेवाड़ी के बीच साल 2026 से पहले नहीं चलेगी मेट्रो ट्रेन, नागरिकों को करना होगा और इंतजार
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पुणे, महाराष्ट्र: शिवाजीनगर और हिंजेवाड़ी के बीच निर्माणाधीन एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर पर 2026 से पहले ट्रेनें नहीं चलेंगी,इस लाइन के लिए लोगों को और एक साल का इंतज़ार करना होगा.शिवाजी नगर और हिंजेवाड़ी को जोड़ने वाली पीएमआरडीए मेट्रो लाइन 3 अपनी पूर्व निर्धारित समय सीमा सितम्बर 2025 से चूक गई है.

एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि कंसेशनेयर ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दिसंबर 2025 तक की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है . पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएमआरडीए) के अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना का काम लगभग 83 से 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है, लेकिन अभी कुछ काम बाकी है.ये भी पढ़े:Pune Metro New Routes: केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पुणे मेट्रो के लिए सुझाए नए रूट, ये इलाके हो सकते है कवर, जानें उनके नाम

दिसंबर में शुरू हो सकते है ट्रायल रन

अधिकारी ने कहा कि कोच के ट्रायल रन दिसंबर के बाद ही शुरू हो सकते हैं. नियमित संचालन शुरू करने से पहले ट्रायल रन के लिए कम से कम दो महीने का समय लगेगा. 'ट्रायल रन आमतौर पर दो से ढाई महीने का समय लेते हैं. यह पूरा होने की तारीख पर निर्भर करेगा.एक बार तारीख तय हो जाने के बाद, बाकी समयसीमा भी तय हो जाएगी.23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का 83 से 85% काम पूरा हो चुका है, जबकि यूनिवर्सिटी चौक से ई-स्क्वायर जंक्शन तक फैले महत्वपूर्ण इंटीग्रेटेड फ्लाईओवर का काम अभी भी निर्माणाधीन है, जिसमें एक तरफ रैंप बनाए जा रहे हैं.एक अधिकारी ने बताया, 'रैंप और डेक स्लैब का निर्माण एक छोर पर लंबित है, बाकी काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड फ्लाईओवर एक महत्वपूर्ण घटक है और इसके बिना हम संचालन शुरू नहीं कर सकते.

23 किलोमीटर में 23 स्टेशन होंगे

साल 2024 की शुरुआत में, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने परियोजना की कई समीक्षाएं कीं और कंसेशनेयर को प्रोजेक्ट की गति तेज करने का निर्देश दिया था. अधिकारियों ने बताया कि व्यस्त मार्ग पर भारी यातायात के कारण फ्लाईओवर को पूरा करने में बड़ी बाधा आ रही है, इसके बावजूद नियमित मीटिंग्स आयोजित की जा रही हैं.यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि 23 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 23 मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनमें से 12 वर्तमान में निर्माणाधीन हैं.यह पूरी परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर विकसित की जा रही है, जिसकी कुल परियोजना लागत 8,313 करोड़ रूपए है.