नई दिल्ली, 24 जून : केंद्र सरकार ने सरोगेसी (किराये की कोख) के माध्यम से बच्चे पैदा करने वाली महिला सरकारी कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया है. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, ये कर्मचारी अब 180 दिनों तक का मातृत्व अवकाश ले सकती हैं. इससे पहले ऐसे मामलों में महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐसे प्रावधान उपलब्ध नहीं थे.
केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियमावली 1972 में किए गए परिवर्तनों के अनुसार, सरकार ने 'कमीशनिंग मदर' (सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे की इच्छुक मां) को बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश की अनुमति दी है, साथ ही "कमीशनिंग पिता" को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश भी दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Noida: सॉफ्टवेयर कंपनी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में डूबने से तीन कर्मचारियों की मौत
कार्मिक मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संशोधित नियमों में कहा गया है कि 'सरोगेसी के मामले में, सरोगेट मां के साथ-साथ दो से कम जीवित बच्चों वाली कमीशनिंग मां को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है, बशर्ते कि उनमें से कोई एक या दोनों सरकारी कर्मचारी हों.'
अभी तक सरोगेसी से बच्चे के जन्म की स्थिति में महिला सरकारी कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने के लिए कोई नियम नहीं थे. नये नियमों के मुताबिक 'सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के मामले में, कमीशनिंग पिता, जो एक पुरुष सरकारी कर्मचारी है और जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, बच्चे के जन्म की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है.'
18 जून को अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) (संशोधन) नियम 2024 के अनुसार सरोगेसी के मामले में दो से कम जीवित बच्चों वाली कमीशनिंग मां को बाल देखभाल अवकाश दिया जा सकता है.