मसूद अजहर को पुलवामा हमला नहीं बल्कि इन वजहों से घोषित किया गया ग्लोबल आतंकी
मसूद अजहर (Photo Credits: File Image)

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. भारत के लिए इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘काली सूची’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह घटनाक्रम हुआ. संयुक्त राष्ट्र समिति ने एक मई 2019 को अजहर को अलकायदा से संबद्ध के तौर पर सूचीबद्ध किया. जैश-ए-मोहम्मद का सहयोग करने का संकेत देने वाली गतिविधियों के लिए धन जुटाने, योजना बनाने, उसे प्रोत्साहित करने, तैयारी करने या हथियारों की आपूर्ति करने या आतंकी हरकतों के लिए भर्तियां करने को लेकर उसे इस सूची में डाला गया है. हालांकि, जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया, जबकि इस हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

दरअसल, मसूद अजहर पर साल 1990 के आईसी-814 के अपहरण, अलकायदा, ओसामा बिन लादेन और तालिबान से संबंध रखने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था.

अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था. उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में लाया गया यह ऐसा चौथा प्रस्ताव था. सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव लाया था. फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव लाया. हालांकि इन सभी मौकों पर चीन ने प्रतिबंध समिति द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने में अड़ंगा डाल दिया. यह भी पढ़ें- भारत द्वारा बनाये गए दबाव के आगे झुका पाकिस्तान, मसूद अजहर पर लगाये गये प्रतिबंधो को तत्काल करेगा लागू

अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के मद्देनजर फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से अमेरिका ने सीधे सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव लाया था. संयुक्त राष्ट्र की प्रधान इकाई में राजनयिकों ने यह चेतावनी थी कि यदि चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में अड़ंगा डालना जारी रखा तो सुरक्षा परिषद के जिम्मेदार सदस्य देश अन्य कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे.

भाषा इनपुट