Video: नागपुर में मनाया गया मारबत उत्सव, 143 साल परंपरा आज भी कायम, हजारों की तादाद में जुटे लोग

नागपुर में पोले के अवसर पर काली पिली मारबत निकाली जाती है. जिसको देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग जमा होते है. आज नागपुर में मारबत निकाली गई.

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Video: नागपुर में तान्हा पोले  के अवसर पर काली पिली मारबत निकाली जाती है. जिसको देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग जमा होते है. आज नागपुर में मारबत निकाली गई. बड़े बैल पोले के बाद तान्हा पोला आता है, उस दिन इस मारबत को निकाला जाता है.

इस मारबत में बडग्या भी निकाले जाते है. पोले के दुसरे दिन मारबत निकालने की परंपरा करीब 143 वर्षो से नागपुर में चल रही है, जो अब भी बरकरार है. मारबत और बडग्या को बुराई के प्रतिक के रूप में माना जाता है. आज 143 साल बीत जाने के बाद भी काली और पीली मारबत बड़े उत्साह के साथ निकाली जाती है. ये भी पढ़े :Video: किसानों के सच्चे दोस्तों का आज हुआ सम्मान, रंगों से सजे दिखे बैल, नागपुर में धूमधाम से मनाया गया पोला

नागपुर में निकला मारबत उत्सव का जुलुस 

दरअसल पिली मारबत की शुरुवात 1885 में की गई थी. इसको बनाने के पीछे का उद्देश्य था की शहर में फ़ैल रही बीमारियों को रोका जा सके. उस समय बीमारियों का दौर था. उस समय लोग में ये धारणा बन गई थी की मारबत बनाने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है. इसके बाद हर साल इसको बनाया जाने लगा.

काली मारबत को पिछले 131 वर्षो से बनाया जा रहा है. बताया जाता है कि साल 1881 में नागपुर में भोसले राजघराने का राज था और यहां की महिला बकाबाई ने विद्रोह कर दिया था और वह अंग्रेजो से मिल गईं. इसके विरोध के चलते काली मारबत निकाली जाने लगी.

मारबत को जुलुस की तरह निकाला जाता है और फिर शहर के  बाहर जाकर इसे जला दिया जाता है. ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से सारी बीमारियां, बुराइयां खत्म हो जाती है. इस दौरान बच्चे बडग्या भी बनाते है और इसे भी जला देते है. पूरे देश में ये उत्सव केवल नागपुर शहर में ही मनाया जाता है. इस मारबत उत्सव का वीडियो ट्विटर एक्स पर @Abhijitsing4U ने शेयर किया है.

 

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