दिल्ली : 29 वर्षीय व्यक्ति नौकरशाह बन लोगों को ठगने के मामले में शख्स गिरफ्तार
गिरफ्तार/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: File Photo )

नई दिल्ली : वरिष्ठ नौकरशाह बनकर लोगों को ठगने के मामले में एक 29 वर्षीय व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वह आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) के तहत घर आवंटन और पेट्रोल पंप व गैस एंजेसियों के लाइसेंस उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों को ठगता था. पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, व्यक्ति की पहचान तेलंगाना के मेदचल जिले के संपथ कुमार सुरप्पागरी के रूप में हुई है.

पुलिस ने बुधवार को बताया कि 2013 में आरोपी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली आया था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका और उसने करोलबाग से एक दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित करना शुरू कर दिया.

क्राईम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जी. राम गोपाल नाईक के अनुसार, मई 2017 में के. रामास्वामी ने हैदराबाद निवासी मालीपद्दी संदीप से संपर्क किया था, जिनसे उसने कहा कि उसका भतीजा संपथ कुमार एक वरिष्ठ नौकरशाह है और दिल्ली में तैनात है. वह भारत पेट्रोलियम और भारत गैस के लाइसेंस दिला सकता है.

नाईक ने कहा, "के. रामास्वामी ने दोनों लाइसेंस हासिल करने के लिए मलीपद्दी संदीप को 1.8 करोड़ रुपये देने के लिए राजी किया और कहा कि संपथ अगस्त 2017 के अंत तक गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप दोनों के लाइसेंस दिला देगा." इसके बाद संपथ और के. रामास्वामी दोनों शिकायतकर्ता से अक्टूबर 2018 तक बात करते रहे.

संपथ ने संदीप को उलझाए रखने के लिए कई जाली पत्र दिए. नवंबर 2018 से दोनों ने संदीप को फोन करना बंद कर दिया और यहां तक कि उसका फोन भी उठाना बंद कर दिया, जिसके बाद शिकायतकर्ता को संदेह हुआ. संपथ ने पीड़ित को जो बैंक के चेक दिए थे, वे भी बाउंस हो गए. यहां तक की संपथ ने संदीप को पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने पर जान से मारने की धमकी भी दी.

नायक ने कहा, "आरोपी को हाल ही में हैदराबाद में तीन आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया गया था और उसे जमानत मिल गई थी. लेकिन, वह वर्तमान मामले की जांच में शामिल नहीं हुआ. इसके बाद उसके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. 2 जुलाई को विशेष सूचना मिलने पर आरोपी को दिल्ली के महिपालपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया."

पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि वह एक शानदार जीवन बिताना चाहता था. इसलिए वह खुद को एक वरिष्ठ नौकरशाह के रूप लोगों के सामने पेश करता था और बाद में उसने सरकारी विभागों की फर्जी आईडी भी तैयार कर ली और इनका इस्तेमाल निर्दोष व्यक्तियों को ठगने के लिए करने लगा और लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया. पुलिस इस जालसाजी के रैकेट में शामिल अन्य लोगों को भी पकड़ने के लिए प्रयासरत है.