नई दिल्ली: उत्तरी भारत में भारी बारिश के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में नदियों के बढ़े हुए जलस्तर और भूस्खलन ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कई मार्ग भूस्खलन के चलते कई बाधित हुए हैं. रूद्रप्रयाग, श्रीनगर में अलकनंदा खतरनाक हो गई है. वहीं ऋषिकेश, हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बहुत अधिक बढ़ गया है. उत्तराखंड में हो रही बारिश का सीधा असर यूपी के कई जिलो में हो रहा है. नदियों का उफान लोगों को डरा रहा है. हालांकि प्रशासन ने कहा है कि किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयारी पूरी है. Uttarakhand Curfew Update: उत्तराखंड में कर्फ्यू बढ़ा, चारधाम यात्रा एक जुलाई से शुरू.
उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार में नदियां खतरे के निशान से ऊपर उठ गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर बह रही हैं. राज्य के निचले जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.
राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि यूपी के 10 जिले- बहराइच, बलरामपुर, गोरखपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, सीतापुर और श्रावस्ती के कुछ इलाके बाढ़ प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि इन 10 जिलों के 22 गांव बाढ़ में डूब गए हैं.
गंगा, यमुना, राप्ती और शारदा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद इन नदियों के तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. महराजगंज जिले के त्रिमोहिनीघाट में रोहिणी नदी और लखीमपुर खीरी के पलिया कला में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
राज्य सरकार ने लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती सहित छह जिलों में NDRF की टीमों को तैनात किया है. SDRF की टीमों को 11 जिलों में तैनात किया गया है.
जिन निचले जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर, बदायूं, शाहजनपुर और पीलीभीत और पूर्वी यूपी के चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, संत कबीर नगर, बहराइच, गोंडा, गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज और देवरिया शामिल हैं.