नई दिल्ली: हर साल भारत में मानसून में डेंगू का प्रकोप देखने को मिलता है. वर्तमान में भी देश के कई शहरों से डेंगू के डराने वाले मामले सामने आ रहे हैं. डेंगू हर साल बड़ी संख्या में मौतों का कारण बनता है. 2023 में, भारत में 289,235 डेंगू के मामले और 485 मौतें दर्ज की गईं. इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और पैनेसिया बायोटेक ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने देश में पहली बार डेंगू टीके के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की शुरुआत की है. यह टीका "DengiAll" के नाम से जाना जाता है, जो भारत का स्वदेशी टेट्रावेलेंट डेंगू टीका है और यह डेंगू के चारों स्ट्रेन्स पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.
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पैनेसिया बायोटेक ने भारत के स्वदेशी टेट्रावैलेंट डेंगू टीके ‘डेंगीऑल’ का विकास किया है. इस परीक्षण में पहले प्रतिभागी को आज पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस), रोहतक में टीका लगाया गया.
आईसीएमआर के सहयोग से, पैनेसिया बायोटेक भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 स्थानों पर चरण-3 का क्लीनिकल परीक्षण करेगा, जिसमें 10,335 से अधिक स्वस्थ वयस्क प्रतिभागी शामिल होंगे.
डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ा देश
देश के लिए यह एक बड़ा कदम है. यह न केवल भारत के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक मजबूत कदम है. इस परीक्षण के सफल होने के बाद, भारत में डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक नया और मजबूत हथियार होगा, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी और इस घातक बीमारी के प्रसार को रोका जा सकेगा.
पैनेसिया बायोटेक, स्ट्रेन प्राप्त करने वाली तीन भारतीय कंपनियों में से एक है, जो विकास के सबसे उन्नत चरण में है. कंपनी ने पूर्ण विकसित टीका फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए इन स्ट्रेन पर बड़े पैमाने पर काम किया है और इस काम के लिए एक पेटेंट प्रक्रिया भी रखी है. भारतीय टीका फॉर्मूलेशन के चरण-1 और 2 के क्लीनिकल परीक्षण 2018-19 में पूरे हुए, जिससे आशाजनक परिणाम मिले.
दुनिया के कई देशों के लिए डेंगू बड़ी चुनौती
डेंगू, एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है, जो पिछले दो दशकों में वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2023 के अंत तक कम से कम 129 देशों में डेंगू के मामले दर्ज किए गए. भारत उन शीर्ष 30 देशों में शामिल है, जहां डेंगू का प्रसार सबसे अधिक है. WHO के अनुसार, पिछले दो दशकों में डेंगू के वैश्विक मामलों में लगातार वृद्धि हुई है.
डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं और इनमें से एक प्रकार से संक्रमित होने के बाद भी व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो सकता है. भारत में लगभग 75-80% डेंगू संक्रमणों के मामले बिना किसी लक्षण के होते हैं, फिर भी ये व्यक्ति एडीज मच्छरों के माध्यम से संक्रमण फैला सकते हैं. शेष 20-25% मामलों में लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का जोखिम अधिक होता है. वयस्कों में, बीमारी गंभीर स्थितियों जैसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल सकती है.