महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने महिला वर्जिनिटी टेस्ट (Virginity Test) के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए इसे खत्म करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. जी हां महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को कहा कि वह किसी महिला को कौमार्य परीक्षण के लिए बाध्य करने को शीघ्र ही दंडनीय अपराध बनाएगी. दरअसल, राज्य के कुछ समुदायों में यह परंपरा है की इन समुदायों में नवविवाहित महिला को यह साबित करना होता है कि शादी से पहले वह वर्जिन यानी कुंआरी थी.
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल (Ranjit Patil) ने बुधवार को इस मुद्दे पर कुछ सामाजिक संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोरहे (Neelam Gorhe) भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं. रंजीत पाटिल ने भेंट के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘कौमार्य परीक्षण (Virginity Test) को यौन हमले का एक प्रकार समझा जाएगा... विधि एवं न्याय विभाग के साथ परामर्श के बाद एक परिपत्र जारी किया जाएगा, जिसमें इसे दंडनीय अपराध घोषित किया जाएगा.'
बता दें कि 'वर्जिनिटी टेस्ट' को खत्म करने के लिए पुणे के कुछ युवकों ने मुहिम छेड़ी थी. महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला पुणे में एक समुदाय विशेष द्वारा व्हाट्सएप पर चलाए जा रहे इस मुहिम की ही सफलता माना जा रहा है. गौरतलब है कि वर्जिनिटी टेस्ट सदियों पुरानी प्रथा है जिसके तहत नव-विवाहित महिला की वर्जिनिटी टेस्ट की जाती है. इस टेस्ट के बाद उस समाज के बडे़ लोग संबंधित महिला को पवित्र या अपवित्र घोषित करते हैं. आज के आधुनिक भारत में वर्जिनिटी टेस्ट एक दुलर्भ चीज है. और अब यह कुछ छोटे जगहों या जाति तक ही सीमित है.