Maharashtra Nurse Strike Update: महाराष्ट्र में ठप हो सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं! नर्सेस एसोसिएशन ने 18 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी धमकी, जानें क्या हैं उनकी मांगें
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 Maharashtra Nurse Strike Update:  महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवा ठप पड़ सकती है. क्योंकि महाराष्ट्र राज्य नर्से संघ ने प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही और संविदा आधार पर नर्सों की नियुक्ति कर रही है. इसी के विरोध में संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 17 जुलाई तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 18 जुलाई से 30,000 से अधिक नर्सें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी. इससे सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं.

संविदा भर्ती और वेतन आयोग को लेकर नाराजगी

संघ की महासचिव सुमित्रा टोटे ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में इस समय लगभग 50% नर्सिंग पद रिक्त हैं, जिन्हें भरा नहीं गया है. सरकार स्थायी पदों पर भर्ती करने के बजाय संविदा के आधार पर नियुक्ति कर रही है, जिससे मौजूदा नर्सों पर काम का अत्यधिक दबाव पड़ रहा है. संघ ने चेतावनी दी है कि यह नीति केवल कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भी गंभीर खतरा है. यह भी पढ़े: Mumbai Private Bus Strike: मुंबईवासियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की 1 जुलाई से हड़ताल का ऐलान, स्कूल बस सेवाएं भी होंगी प्रभावित

वेतन और भत्तों में असमानता का भी विरोध

 

नर्सों ने वेतन और भत्तों में केंद्र व राज्य सरकार के बीच असमानता पर भी नाराजगी जाहिर की है. एक नर्स ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "अगर सर्फ एक्सेल केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही दाम पर मिलता है, तो नर्सों को समान वेतन और भत्ता क्यों नहीं?" संघ का कहना है कि समान काम के बावजूद राज्य की नर्सों को कम भत्ते और सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सरासर अन्याय है.

चरणबद्ध आंदोलन, 18 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल

संघ की ओर से बताया गया कि आंदोलन की शुरुआत 15 और 16 जुलाई को आज़ाद मैदान में धरना प्रदर्शन से हुई है. इसके बाद 17 जुलाई को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की जाएगी. यदि इस दौरान सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, तो 18 जुलाई से प्रदेशभर की नर्सें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी. इससे क्रिटिकल केयर, इमरजेंसी और इन-पेशेंट यूनिट्स जैसी सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित होंगी

संघ ने सरकार से मांग की है कि संविदा भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और स्थायी पदों पर त्वरित नियुक्ति की जाए. नहीं तो हड़ताल पर जरूर 3000 नर्स जाएंगी.