मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के महामारी के चलते देश में पहली बार 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया. लेकिन कोविड-19 के मामलों में कमी ना आते देख पीएम मोदी ने दूसरी बार लॉकडाउन (lockdown) को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया. ताकि इस महामारी को रोका जा सके और देश के नागरिकों की जान बचाई जा सके. इस बीच महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लाखो मजदूर अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. जिसकी वजह से राज्य की सरकारों को उनके खाने पीने की चीजों का हर दिन व्यवस्था करना पड़ा रहा है. महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) से अनुरोध किया हैं कि राज्य में फंसे लाखों मजदूरों को विशेष ट्रेन चलाकर उनके घर भेजा जाए.
प्रवासी मजदूरों को घर भेजे जाने को लेकर पीएम मोदी से अनुरोध करते हुए सीएमओ महाराष्ट्र की तरफ से ट्वीट किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि महाराष्ट्र में राहत शिविरों में रहने वाले करीब 6 लाख प्रवासी मजदूरों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है. जबकि ऐसे समय वे अपने अपने परिवार से दूर हैं जो अच्छा नहीं हैं. बल्कि इस उन्हें अपने परिवार के बीच रहना चाहिए. इसलिए वे चाहते हैं कि सरकार इस महीने के अंत तक इस प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए ट्रेन चलने को लेकर कोई गाइड लाइन जारी करें. यह भी पढ़े: लॉकडाउन: मुंबई, ठाणे के मुंब्रा में प्रवासी मजदूर सड़क पर उतरे, कहा- घर वापस जाना चाहते हैं
महाराष्ट्र सरकार का ट्वीट:
CM Uddhav Balasaheb Thackeray has reiterated his demand for special trains to ensure that migrant labour from other States can return home. He has demanded to the Hon’ble Prime Minister & the Railway Ministry that guidelines about this to be issued by April-end.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 21, 2020
If the Central Government is anticipating a rise in the transmission of the virus between April 30 and May 15, then it must consider if it can utilise the time at hand to arrange for special trains to send them back home and issue guidelines about this by April-end.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 21, 2020
सीएम उद्धव ठाकरे इसके पहले 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाये जाने के बाद मुंबई में रहने वाले बड़े पैमने पर मजदूर जब बांद्रा स्टेशन के पास जमा हो गए थे. उस समय उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस कर प्रवासी मजदूरों से कहा था कि लॉकडाउन कोई 'लॉक-अप' नहीं है. मजबूरी में लॉकडाउन घोषित किया गया है. देश में जैसे ही लॉकडाउन खत्म हो जायेगा. सरकार उन्हें घर भेजने के लिए व्यवस्था करेगी. तब तक वे यही पर रहे उन्हें यहां पर खाने पीने की किसी भी चीज की कमी नहीं होने दिया जाएगा. इसलिए उन्हें अपने घर जाने को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि दिल्ली, कोलकता, गुजरात आदि राज्यों के साथ महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र में रहते हैं, खासकर मुंबई, ठाणे, पालघर, नवी मुंबई, पुणे आदि शहरों में रहते हैं, जो इस लॉकडाउन के वजह से फंसे हुए हैं. ये सभी मजदूर अपने घर जाने को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि यदि देश में इसी तरह से लॉकडाउन बढ़ता रहेगा तो जिस तरह से दिल्ली में फंसे लोगों को स्पेशल बस से गांव भेजा गया. ठीक उसी तरह उन्हें भी उनके घर भेजा जाए.