महाराष्ट्र में कोरोना का कहर, एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें, मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,897 हुई
कोरोना वायरस (Photo Credits: IANS)

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि सरकार इस महामारी को रोकने को लेकर हर संभव कोशिश कर रही हैं. लेकिन कोविड-19 के मामले कम होने की अपेक्षा बढ़ते ही जा रहा हैं. जो महाराष्ट्र सरकार के लिए सिर दर्द बनते जा जा रहा है. क्योंकि विरोधी पार्टी भारतीय जनता पार्टी उद्धव सरकार (UddhavGovt) को कोरोना महामारी को रोक नहीं पाने का आरोप लगाकर लेकर घेरना शुरू कर दी हैं. राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को  2190 में नए मामले दर्ज किए जाने के बाद महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 56,948 हो गई है. वहीं इस महामारी से 964 लोग ठीक होने के साथ ही कुल 37125 सक्रिय मामले हैं.

राज्य सरकार के लिए चुकाने वाली बात बात हैं कि सरकार के तरफ से इस महामारी को रोकथाम के लिए राज्य के बड़े से बड़े डॉक्टर लगे हैं. लेकिन देखा जा रहा है. प्रतिदिन कोविड-19 से  संक्रमित लोगों की संख्या कम होने की अपेक्षा बढ़ते ही जा रहा है. राज्य में तो बुधवार को मरने वालों का एक दिन में रिकार्ड तोड़ दिया. अब तक जहां मरने वालों की संख्या 60 से 70 या फिर 80 रहती थी. वह आंकड़ा मंगलवार को तोड़ने हुए मरने वालों की संख्या 97 दर्ज के गई थी. वहीं बुधवार को हर दिन का आंकड़ा पार करते हुए  105 लोगों की जान गई. जो हर दिन के अपेक्षा सबसे ज्यादा आज मौत हुई. इस तरफ महाराष्ट्र में इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,897 हो गई. है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र में नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में COVID-19 के 2,091 नए केस, 97 लोगों की मौत

स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे का ट्वीट:

वहीं कोरोना वायरस की महामारी से महाराष्ट्र में देश की आर्थिक राजधानी में सबसे ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं. बीएमसी के अनुसार कोरोना से मुंबई में बुधवार को 1044 नए मामले पाए गये हैं. वहीं 32 लोगों की जान गई हैं. इस तरफ मुंबई में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 33,835 पहुंच गई हैं. जबकि इस महामारी से सिर्फ मुंबई में 1097 अब तक लोगों की जान जा चुकी हैं.

मुंबई में कोरोना के 1044  नए मामले दर्ज:

राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर विपक्ष का उद्धव सरकार पर आरोप है कि सरकार के बीच तालमेल नहीं हैं. जिसकी वजह से राज्य में कोविड-19 से लोगों की जान जा रही हैं. क्योंकि सरकार हालत को संभाल नहीं पा रही है. इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए. हालांकि सरकार शिवसेना के साथ साथ ही विधानसभा स्पीकर नाना पटोले ने इन खबरों का खंडन किया है. पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में इमरजेंसी या सियासी संकट जैसा कुछ नहीं हैं. महाविकास अघाड़ी गठबंधन में टकराव की खबरे जो मीडिया में हैं वह गलत हैं.