नई दिल्ली / मुंबई, 24 मई: महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने ईद के मौके पर खुद को सामूहिक नमाज अदा करने से रोक दिया है. केवल 4 से 5 लोग ही मस्जिदों और ईदगाह पर नमाज अदा करेंगे. कोरोना वायरस के डर से यह निर्णय किया गया है. मलिक ने आईएएनएस को बताया, "लोगों ने शब-ए-बारात और शब-ए-कद्र में खुद को संयमित किया है और अब इसी तरह की बात ईद पर तय की गई है. लिहाजा केवल सीमित संख्या में लोग मस्जिदों और ईदगाहों पर नमाज अदा करेंगे और बाकी लोग घर पर नमाज अदा कर सकते हैं."
उन्होंने कहा,"लोगों ने खुद फैसला किया है और सरकार की ओर से इस तरह का कोई दबाव नहीं है. धर्मगुरुओं ने समुदाय के सदस्यों से कहा है कि वे घर पर कैसे प्रार्थना कर सकते हैं. इसलिए 4 से 5 लोग ही मस्जिद या ईदगाह में नमाज अदा कर सकते हैं और फिर बाकी लोग घर पर नमाज अदा कर सकते हैं." देश में महाराष्ट्र राज्य में कोरोना वायरस मामले सबसे ज्यादा हैं और कोई भी मण्डली होने पर ये और फैल सकता है. इसलिए सरकार पहले ही राज्य में समुदाय के नेताओं का विश्वास और सहमति इस मामले पर ले चुकी है.
मुंबई में शिया संप्रदाय का नेतृत्व करने वाले मालवानी के मौलाना अशरफ इमाम ने कहा कि चूंकि प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हैं, तब से नमाज मस्जिद के बाहर अदा करने के निर्देश दिए गए हैं. ये निर्देश मार्च से ही हैं, जबकि लॉकडाउन की भी घोषणा नहीं की गई थी. हमने निर्देश दिया था, "हम जमात में नमाज अदा करने को रद्द करते हैं, सरकार से एक एसओपी मिला है जिसका हम अनुसरण कर रहे हैं." बता दें कि देश भर में सोमवार को ईद मनाई जाएगी क्योंकि शनिवार को चांद नहीं देखा गया था.