मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश में पहली बार 21 दिनों के लिए लॉकडाउन के चलते सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर अलग-अलग शहरों में फंस गए थे. उन्हें लगा था कि 14 तारीख के बाद लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे अपने घर वापस चले जाएंगे. लेकिन एक बाद फिर से ३ मई तक लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद लोगों का घर जाने को लेकर सब्र अब टूट गया है. वे अपने पैदल या फिर साइकिल से यात्रा करके अपने घर के लिए जा रहे हैं. महाराष्ट्र के नासिक और नागपुर में कुछ तरह से कुछ प्रवासी मजदूर अपने गांव साइकिल और पैदल चलकर अपने घर पहुंचे.
खबरों के अनुसार साइकिल और पैदल चलकर अपने गांव पहुंचने वाले प्रवासी मजदू मध्यप्रदेश के सतना के रहने वाले हैं. जो नासिक और नागपुर में मजदूरी का काम करते हैं. जो लॉकडाउन की वजह से यहां पर फंस जाने के बाद उनके पास खाने -पीने के पैसे खत्म होने के बाद वे अब साइकिल और पैदल चलकर अपने गांव को जा रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे नासिक से पांच दिन पहले अपने घर को निकले थे और छठे दिन अपने घर सतना पहुंचे.इन प्रवासी मजदूरों में उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी साथ में थे जो पैदल चलाकर घर को पहुंचे.
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Maharashtra: Migrant labourers cycling, walking on foot in Nagpur towards their homes in Satna district of Madhya Pradesh amid #CoronavirusLockdown. "I started my journey from Nashik five days ago & it will take another six days to reach my home," says a labourer. pic.twitter.com/GLCkxJrNgt
— ANI (@ANI) April 17, 2020
बता दें कि नासिक और नागपुर ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की बात करें तो प्रदेश के कई शहरों में इस तरह के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. उनके पास- खाने पीने के साथ ही पैसा खत्म होने के बाद वे अपने घर को लौटना चाहते हैं. लेकिन कोई साधन नहीं होने के चलते वे अपने घर को नहीं जा पा रहे है. ताजा उदाहरण मुंबई के बांद्रा स्टेशन का हैं. करीब दो हजार प्रवासी मजदूर घर जाने की जिद को लेकार स्टेशन के पास जमा हो गए थे. उनकी मांग थी कि प्रशासन किसी भी तरह उन्हें उनके घर भेजे क्योंकि वे यहां पर एक-एक दाने को खाने के लिए मर रहे हैं.