शिवसेना से तकरार के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे देवेंद्र फड़णवीस?
देवेंद्र फड़णवीस/ उद्धव ठाकरे ( फोटो क्रेडिट- FB)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के साथ सरकार बनाने में पेंच फंसने पर भी बीजेपी बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है. सभी निर्दलीय विधायकों को अपने साथ खड़ा कर बीजेपी, शिवसेना पर दबाव बनाने में जुटी है. इस खीचतान के बीच देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ 31 नवंबर को ले सकते हैं. बीजेपी मानकर चल रही है कि आने वाले समय में शिवसेना से बात बन जाएगी. वहीं शिवसेना स्पष्ट अपनी मांग को लेकर अडिग है और उनके नेता लगातार बीजेपी पर जुबानी हमला कर रहे हैं. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा था, यहां कोई दुष्यंत चौटाला नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। हम महाराष्ट्र में सच्चाई की राजनीति करते हैं. अगर कोई हमें सत्ता से दूर रखने की कोशिश करता है तो यह सच्चाई की राजनीति नहीं होगी. हम देख रहे हैं कि क्या हो रहा है और लोग कितना नीचे जा सकते हैं.

जिसके जवाब में देवेंद्र फड़णवीस ने दावा किया है कि वह अगले पांच वर्षो तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उन्होंने शिवसेना के '50-50 फार्मूला' का करार चुनाव से पहले होने के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन की औपचारिकता की गई थी, उस समय शिवसेना से ढाई साल मुख्यमंत्री का पद उसके पास रहने का वादा नहीं किया गया था. बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-सेना दोनों पार्टियों को कुल मिलाकर 161 सीटें मिली हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं.

शिवसेना के 45 विधायक हमारे संपर्क में

सियासी घमासान के बीच सांसद संजय काकडे ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक बीजेपी के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राज्यसभा सदस्य काकडे ने यह दावा किया. उन्होंने कहा शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने बीजेपी के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है.

कांग्रेस और सहयोगी दलों की है नजर

कांग्रेस आलाकमान दोनों दलों के बीच जारी विवाद को लेकर सतर्कता बरत रहा है. दिल्ली में पार्टी नेताओं का मानना है कि शिवसेना, भाजपा का साथ छोड़ने जैसा बड़ा कदम नहीं उठाएगी. शिवसेना के साथ बैक चैनल चर्चा की गई, लेकिन यह बेनतीजा रही. कांग्रेस की रणनीति इस बात पर भी निर्भर कर रही है कि उसका गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और इसके नेता शरद पवार का क्या रुख रहता है. हालांकि, पवार यह साफ कर चुके हैं कि सरकार गठन के लिए शिवसेना को एनसीपी के समर्थन का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है. उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें विपक्ष में बैठने को कहा है और वह इस जनादेश का सम्मान करेंगे. ( एजेंसी इनपुट )