भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव Assembly Election) के लिए चल रहा प्रचार सोमवार की शाम पांच बजे थम गया. चुनावी प्रचार पर विराम लगते ही उम्मीदवारों (Candidates) और उनके समर्थकों ने अब घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है. बता दें कि राज्य में 2899 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस के बीच है. कई स्थानों पर आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को मतदान होना है, उससे 48 घंटे पहले शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया. सभी पार्टियों की जनसभाओं का दौर शाम पांच बजे तक चला. गली-कूचों से लेकर मुख्य सड़कों तक प्रचार अभियान का जोर रहा. प्रचार का शोर थमने के बाद नेताओं और उम्मीदवारों ने मतदाताओं को मनाने के लिए घर-घर पहुंचने की मुहिम तेज कर दी है.
सोमवार को देर शाम होने के बावजूद उम्मीदवार और उनके समर्थक घर-घर पहुंचते रहे. सभी ने मतदाताओं को अपनी योग्यता और क्षमता के साथ पार्टी की नीतियों व रीतियों से अवगत कराया. साथ ही वादा किया कि चुनाव जीतने के बाद वे समस्याओं के निदान में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अब किया ऐसा तो नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की 650 कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके साथ ही प्रदेश के बाहर से आए 33 हजार होमगार्ड भी निर्वाचन ड्यूटी में तैनात किए जाएंगे.
बालाघाट जिले में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 76 कंपनियां, भिड में 24, छिदवाड़ा और मुरैना में 19-19, सागर और भोपाल में 18-18 कंपनियां तैनात की गई हैं. प्रदेश के 85 प्रतिशत पुलिस बल और होमगार्ड के 90 प्रतिशत बल चुनाव कार्य में तैनात किए गए हैं.
चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए बालाघाट, मंडला और भोपाल में एक-एक हेलीकॉप्टर तैनात रहेंगे. संचार व्यवस्था बेहतर करने के लिए 20 सेटेलाइट फोन और 28 हजार वायरलेस सेट उपयोग में लाए जाएंगे.