उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद को लेकर हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालतों को कोई एक्शन न लेने का आदेश दिया है, साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बिना कोई कदम नहीं उठाया जाए.
यह मामला मस्जिद कमेटी द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने स्थानीय कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे आदेश को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता ने यह सवाल उठाया है कि हाई कोर्ट क्यों नहीं गए और सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या यह उचित नहीं था कि वे पहले हाई कोर्ट जाते और फिर वहाँ की सुनवाई के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करते.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हम नहीं चाहते कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना घटे. याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर करने का अधिकार है. वे रिवीजन या 227 याचिका दायर कर सकते हैं."
#WATCH दिल्ली: अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले चिंता जताई की वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम ने ये भी कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में… https://t.co/hwzDG0H0aF pic.twitter.com/rG0QmStoDx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को फिलहाल लंबित रखते हुए, जिला प्रशासन से यह भी कहा कि वे सभी संबंधित दलों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समिति का गठन करेंगे. अदालत ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें इस मामले में पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थिति नियंत्रण में रहे.
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि देशभर में इस तरह के 10 मामले लंबित हैं, जिनमें से 5 उत्तर प्रदेश में हैं. उन्होंने कहा कि इन मामलों में अक्सर पहले मुकदमा दायर किया जाता है, और बाद में इस पर विवाद खड़ा किया जाता है.