चंडीगढ़ में आरबीआई दफ्तर के बाहर 2000 रुपये के नोट बदलवाने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी है. गुरुवार को भी चंडीगढ़ में आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर लंबी कतार देखी गई, जिसमें हिमाचल, हरियाणा और पंजाब से दूर-दूर से लोग अपने 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए आए थे. बैंकों द्वारा 2000 रुपये के नोट अब नहीं बदले जा रहे हैं. लोगों ने अब अपने 2000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 19 कार्यालयों में लाइन लगाना शुरू कर दिया है. 2000 Notes: रिजर्व बैंक में नहीं लौटे 2000 के सभी नोट, लोग अभी भी दबाए बैठे हैं 10 हजार करोड़ रुपये.
RBI के बाहर खड़े आशुतोष अग्रवाल ने कहा, ''मैं शिमला से आया हूं...45 मिनट से खड़ा हूं...आज नहीं हुआ तो कल आऊंगा. हालात नोटबंदी जैसे नहीं हैं...जिनके पास एक या दो नोट हैं आगे जाने की अनुमति दी जाए ताकि समय बचे." नोट बदलने आए डी. डी. तिवारी कहते हैं, "मैं जालंधर से आया हूं... एक घंटे से लाइन में खड़ा हूं. यहां सभी लोग धैर्य रख रहे हैं."
RBI ऑफिस के बाहर लाइन
#WATCH | Chandigarh: People line up outside the RBI office to exchange Rs 2000 notes. The RBI announced the withdrawal of Rs 2000 notes on May 19 this year. pic.twitter.com/NuzhSwegiv
— ANI (@ANI) November 3, 2023
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते 19 मई को 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान किया था और इनकी वापसी के लिए 30 सितंबर 2023 तक सुविधा दी थी, जिसे बाद में बढ़कर 7 अक्टूबर कर दिया था. आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा कि 2,000 रुपये के नोट सात अक्टूबर के बाद भी वैध मुद्रा बने रहेंगे, लेकिन तब इन्हें केवल आरबीआई कार्यालयों में ही बदला जा सकेगा.
आठ अक्टूबर से बैंक शाखाओं में नोट जमा करने या बदलने की सुविधाएं बंद कर की जा चुकी है और लोगों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में नोट बदलने के लिए कहा गया है.
क्यों बंद किए गए 2000 रुपये के नोट
आरबीआई ने इस साल मई में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह फैसला नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के समान नहीं है, जब 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को रातोंरात अमान्य मुद्रा बना दिया गया था. केंद्रीय बैंक ने यह कदम ऊंचे मूल्य वाले नोट का इस्तेमाल काला धन जमा करने में किए जाने संबंधी चिंताओं के बीच उठाया था.
आरबीआई ने 2,000 रुपये के नए नोट छापना वित्त वर्ष 2018-19 में ही बंद कर दिया था और धीरे-धीरे उनका चलन काफी कम हो चुका है. रिजर्व बैंक ने कहा था कि ऐसा देखा गया है कि 2,000 रुपये मूल्य के नोट का इस्तेमाल अब लेनदेन में आम तौर पर नहीं हो रहा है. इसी के साथ बैंकों के पास अन्य मूल्यों के नोट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से लोगों को नोट देने में कोई समस्या नहीं होगी.