Liquor Scam: भाजपा का आरोप, झारखंड में भी हुआ दिल्ली की तर्ज पर शराब घोटाला

रांची, 17 मार्च: क्या झारखंड (Jharkhand) में भी दिल्ली (Delhi) की तर्ज पर शराब घोटाला (Liquor Scam) हुआ है? भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्य सचेतक और बोकारो के विधायक बिरंची नारायण (Biranchi Narayan) ने शुक्रवार को विधानसभा में यह मामला उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच की मांग उठाई. उन्होंने राज्य में शराब बिक्री के लिए बनाई गई पॉलिसी के आठ बिंदुओं पर तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस की आपत्तियों का हवाला दिया और कहा कि गलत पॉलिसी लाकर राज्य को होने वाली आमदनी का बड़ा नुकसान किया गया है. यह भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: ED की रडार पर KCR की बेटी कविता, 9 घंटे की पूछताछ के बाद कार्यालय से निकलीं, 16 मार्च को फिर बुलाया

भाजपा विधायक के सवाल पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भाजपा विधायक के आरोप को आधारहीन बताया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल की जो आपत्तियां थीं, उन्हें दूर करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसके बाद भी अगर तथ्य लाया जाए कि कहां-कहां गड़बड़ी हुई है, तो सरकार जांच कर दोषियों पर करवाई करेगी.

भाजपा विधायक ने अल्पसूचित प्रश्न के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब बिक्री से मिलनेवाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ रखा है. इसके विरुद्ध 15 फरवरी तक 1607 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि 14 मार्च 2023 तक 690 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है.

विधायक बिरंची नारायण ने आगे कहा कि राज्य में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर नई उत्पाद नीति लायी जा रही थी तभी इसकी विसंगतियों के आठ बिंदुओं पर राजस्व पर्षद एवम अन्य ने आपत्ति दर्ज की थी। नवंबर 2022 में राज्यपाल ने भी इस पॉलिसी के बिल को वापस लौटते हुए इसमें संशोधन का निर्देश दिया था. इसके बाद भी राज्य सरकार नहीं मानी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी शराब का घोटाला हुआ है। होलोग्राम निजी कंपनी से बनाया गया. शराब में पानी मिलाकर बॉटलिंग की जा रही थी. 44 करोड़ की बैंक गारंटी को जब्त किया गया. जिन कंपनियों ने बैंक गारंटी नहीं दिया, उनपर क्या करवाई हुई. विधायक ने कहा कि झारखंड में शराब घोटाले का किंगपिन कौन है इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.

जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जिन बातों का जिक्र किया जा रहा है, सरकार ने सारी आपत्तियों को दूर कर नियमावली पर कैबिनेट से स्वीकृति ली है. राज्यपाल की आपत्ति को भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है. पूरी पारदर्शिता के साथ नीति बनी है.

ठाकुर ने कहा कि 16 मार्च तक 1900 करोड़ राजस्व का संग्रहण हुआ है. इस वर्ष सबसे ज्यादा राजस्व का संग्रहण होगा. इसमें कोई भी अनियमितता नहीं हुई है. तथ्यहीन बात सदन में रखी जा रही है. मंत्री के जवाब पर विधायक सरयू राय ने जानना चाहा कि क्या राजस्व को 2500 करोड़ से घटाकर 2000 करोड़ किया गया है. जवाब में मंत्री ने कहा कि लक्ष्य घटाने का कोई निर्णय नहीं हुआ है.