
जोशीमठ, 11 जनवरी: जोशीमठ भू-धंसाव से लगातार घरों में दरारें पड़ रही हैं. इस बीच जोशमीठ में प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की मुआवजे को लेकर चल रही बैठक में बात नहीं बनी. प्रशासन की ओर से प्रभावितों परिवारों को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रभावितों ने इससे इनकार कर दिया. Joshimath Sinking: जोशीमठ में अभी नहीं तोड़े जाएंगे घर…पीड़ित परिवारों को मिलेगा 1.5 लाख रुपये का मुआवजा
टिहरी की तर्ज पर न्यू जोशीमठ बनाने पर सरकार विचार कर रही है, लेकिन स्थानीय लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं. वे जोशीमठ में ही रहना चाहते हैं. हालांकि सरकार ने जोशीमठ की आबादी को शिफ्ट करने के लिए तीन स्थानों का चयन किया है. इसमें एक जोशीमठ में जेपी कालोनी के पास उद्यान विभाग की जमीन है. दूसरा पीपलकोटी और तीसरा गौचर के पास जमीन पर लोगों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है.
भू-धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है. असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है. प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है. जिसमें 50 हजार रुपये घर शिफ्ट करने और 1 लाख रुपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है. जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा.
जोशीमठ के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी राजनीतिक माहौल गरमाए रखा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश राव मौन उपवास पर बैठ गए हैं. गांधी पार्क में समर्थकों के साथ धरने पर बैठे पूर्व सीएम ने कहा कि जोशीमठ में तोड़े जा रहे भवनों का वन टाइम सेटेलमेंट हो. बिना किसी पुनर्वास नीति के ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण है.