Joshimath Sinking: जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले का कस्बा है. अभी यह धार्मिक और पर्यटन वाला शहर धंस रहा है. 81 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 720 से ज्यादा इमारतों में दरारें मिली हैं, जो हर दिन चौड़ी होती जा रही हैं. इस बीच उत्तराखंड की धामी सरकार ने आपदा पीड़ितों के लिए मुआवजा की राशि बढ़ा दी है. अब हर पीड़ित परिवार को डेढ़ लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलेंगे. Aligarh: घरों में आई दरारें, निवासियों में दहशत का माहौल- नगर निगम करेगी जांच
इससे पहले धामी सरकार ने हर परिवार को 5 हजार रुपये देने की बात कही थी. सीएम के सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा है कि अब फौरी राहत के तौर पर 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. वहीं, एक लाख रुपया मकान के मुआवजे में एडजस्ट होगा. सीएम धामी ने कहा कि जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उनको बाजार दर पर मुआवजा मिलेगा, प्रभावित लोगों से चर्चा के बाद ही मुआवजे की रकम तय होगी.
"हमारी सरकार स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी।" : श्री @pushkardhami जी
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) January 11, 2023
जोशीमठ भूकंप से ज्यादा भूस्खलन के प्रति संवेदनशील है. क्योंकि यह प्राचीन भूस्खलन से आई मिट्टी पर बसा कस्बा है. असल में जोशीमठ की ऊंचाई यानी 6150 फीट ऊंचाई पर कोई पहाड़ नहीं है. वह एक भूस्खलन का मलबा है, जिसपर कस्बा बसा है. जोशीमठ भौगोलिक दृष्टि से भले ही खतरनाक है. लेकिन वह कई पर्यटन और धार्मिक स्थानों पर जाने का गेटवे है. जैसे- बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, वैली ऑफ फ्लॉवर्स, औली, तुंगनाथ और चोपटा.