पटना, 30 जनवरी : प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा सोमवार को घंटों पूछताछ के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) सोमवार देर रात घर लौट आए. लालू प्रसाद यादव सुबह 11 बजे यहां ईडी कार्यालय पहुंचे और रात 9 बजे तक वहीं रहे. अधिकारियों ने उनसे आईआरसीटीसी लैंड फॉर जॉब मामले में 10 घंटे तक पूछताछ की है. दिन के दौरान लालू प्रसाद के समर्थक बड़ी संख्या में ईडी कार्यालय में एकत्र हुए और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगाए.
राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने कहा, "ईडी की कार्रवाई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. लालू प्रसाद यादव 76 साल के हैं और हाल ही में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. उन्हें 10 घंटे तक ईडी कार्यालय में रहने के लिए मजबूर किया गया. यह एक अमानवीय कृत्य है. यह घटना शर्मनाक है... वे वर्षों से लालू प्रसाद यादव को परेशान कर रहे थे और हमने बार-बार कहा है कि लोकसभा चुनाव तक ऐसी चीजें होंगी." यह भी पढ़ें : CM हेमंत सोरेन ‘लापता’ ED टीम ने सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर डेरा डाला, BJP ने मुख्यमंत्री को ‘फरार’ बताया
लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने कहा, "देश पर शासन करने वाले लोग सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने एक बीमार व्यक्ति को 10 घंटे तक ईडी कार्यालय में रहने के लिए मजबूर किया. मैं दो से तीन बार दवा देने के लिए अंदर गई."
हालांकि, भाजपा नेता और नए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "लालू प्रसाद यादव उस समय प्रधानमंत्री रहे एच.डी. देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल के कारण चारा घोटाले में जेल गए और उन्होंने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था. नौकरी के बदले आईआरसीटीसी की जमीन घोटाला हुआ, मनमोहन सिंह सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई और मामला पहले सीबीआई और बाद में ईडी को सौंपा गया.''