Aluva Child Rape Case: केरल की POCSO अदालत ने भयावह अलुवा बाल बलात्कार और हत्या मामले में दोषी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. एर्नाकुलम सत्र अदालत ने आज अलुवा में पांच वर्षीय बच्चे के बलात्कार और हत्या के लिए अशफाक आलम नामक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने कहा कि आलम किसी भी तरह की नरमी के पात्र नहीं हैं.
रेप और हत्या की यह वारदात जुलाई में हुई थी, जब बिहार के एक प्रवासी श्रमिक आलम ने पांच वर्षीय पीड़ित लड़की का अपहरण किया, बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी. उसने बच्चे का शव अलुवा के एक स्थानीय बाजार के पीछे एक दलदली इलाके में फेंक दिया था.
आलम को POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और हत्या सहित 16 आरोपों का सामना करना पड़ा. POCSO कोर्ट ने 4 नवंबर को आलम को सभी 16 अपराधों में दोषी पाया। इस जुर्म की सजा आज सुनाई गई.
POCSO court in Kerala sentences to death man convicted in horrific Aluva child rape and murder case
— Press Trust of India (@PTI_News) November 14, 2023
आज सुनाई गई सजा कुल 13 कानूनी प्रावधानों के खिलाफ थी जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और POCSO अधिनियम के तहत आती हैं. इनमें धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 328 (जहर देकर चोट पहुंचाना), 364 (हत्या के लिए अपहरण), 366 (ए) (नाबालिग लड़की का अपहरण), 367 (अपहरण) शामिल हैं। गंभीर चोट पहुँचाना), भारतीय दंड संहिता की धारा 297 (मानव कोष का अपमान), और 201 (साक्ष्य मिटाना)। इसके अलावा, उन्हें POCSO अधिनियम की धारा 5 (प्रवेशक यौन उत्पीड़न) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 (नशीली शराब देना) की तीन उप-धाराओं के तहत अपराधों के लिए भी दंडित किया गया था.
आलम को मौत की सजा हत्या के अपराध के लिए दी गई थी, जबकि उसे POCSO अधिनियम के तहत अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थ. सबूत छुपाने के आरोप में उन्हें 5 साल की सजा भी सुनाई गई.
गौरतलब है कि आरोपी को दोषी ठहराने का फैसला 4 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने के करीब 26 दिन बाद सुनाया गया था. एर्नाकुलम कोर्ट ने 7 सितंबर को मामले की सुनवाई शुरू की थी. 16 सितंबर को आरोप तय किए गए और आरोपियों को सुनाया गया, जिसके बाद 4 अक्टूबर से मामले की सुनवाई हुई. आज सुनाई गई सजा उस अपराध के 110वें दिन आई है, जो कथित तौर पर 28 जुलाई को हुआ था.