केरल: महिला आईपीएस ऑफिसर मेरिन जोसफ नाबालिग बच्ची से रेप के आरोपी को पकड़कर लाईं भारत
आईपीएस ऑफिसर मेरिन जोसफ, (फोटो क्रेडिट्स: ट्विटर)

रविवार को कोल्लम की आईपीएस ऑफिसर मेरिन जोसेफ और उनकी टीम सऊदी अरब के रियाद के लिए रवाना हुई. वे 38 वर्षीय नाबालिग रेप के आरोपी सुनील कुमार भद्रन पकड़ने गई थी. मेरिन को यकीन था कि वो आरोपी को पकड़कर जरुर ले आएंगी. कोल्लम के मूल निवासी सुनील कुमार सऊदी अरब में एक टाइल कर्मचारी था. साल 2017 में जब वो छुट्टियों में केरल आया था उस वक्त उसने अपने दोस्त की भतीजी के साथ तीन महीने तक यौन उत्पीड़न किया. एक अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाली 13 साल की बच्ची जिंदगी आरोपी ने खराब कर दी. आखिर में उसने इस बारे में अपने परिवार वालों से खुलासा किया. जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया, तब तक वो सऊदी भाग चुका था. बाद में लड़की को कोल्लम जिले के कारिकोड में सरकारी महिला मंदिर बचाव घर में ले जाया गया. हालांकि लड़की ने जून 2017 में खुद आत्महत्या कर ली. उससे पहले बच्ची के चाचा जिसने सुनील कुमार को परिवार से मिलवाया था उन्होंने आत्महत्या कर ली थी.

जून 2019 में कोल्लम आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने वाली मेरिन ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों पर जोर देते हुए लंबित मामलों की समीक्षा की थी. उन्होंने बताया “मुझे यह मामला पता चला कि यह व्यक्ति लगभग दो साल से फरार था. यह एक ऐसा मामला था जिसने लोगों के दिमाग पर बुरा प्रभाव डाला और लोग इस अपराध से गुस्साए थे. केरल पुलिस की अंतर्राष्ट्रीय जांच एजेंसी सऊदी पुलिस के साथ काम कर रही थी और उनके साथ मिलकर आरोपी को पकड़ने की प्लानिंग की. हालांकि 2017 में सुनील कुमार के लिए इंटरपोल नोटिस जारी किया गया था, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा था. इंटरपोल नोटिस जारी किए जाने के बाद भी कई मामले आगे नहीं बढ़ते हैं,क्योंकि इसमें दूसरे देश के सहयोग की भी जरुरत होती है.

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2010 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और सऊदी किंग अब्दुल्ला ने भारत-सऊदी प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे. राज्य में मामलों में वांछित कई केरलवासी आपराधि सऊदी भागने के बावजूद, अब तक उनका कोई प्रत्यर्पण नहीं हुआ है. कुछ दिनों पहले, केरल पुलिस को सूचित किया गया था कि सऊदी पुलिस ने सुनील को हिरासत में लिया था. हालांकि अधिकांश IPS अधिकारियों ने उस व्यक्ति को सुरक्षित भारत लाने के लिए जूनियर अधिकारियों को भेजा लेकिन आरोपी को वापस लाने के लिए मेरिन ने खुद को चुना.

“उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रत्यर्पण हम पहली बार कर रहे थे. मैं सीखना चाहती कि यह कैसे काम करता है ताकि मैं अपनी टीम के साथ ज्ञान साझा कर सकूं. बहुत सारी कागजी कार्रवाई थी, इसमें सीबीआई और इंटरपोल भी शामिल थे. उसे वापस लाने के लिए भी हमें दस्तावेज बनाने थे. यही कारण है कि मैंने जाने का फैसला किया. मैं महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों की भी शौक़ीन हूं और यह इस आरोपी को उसके गुनाहों की सजा देना बहुत जरुरी था.

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सुनील कुमार भद्रन अब केरल में किए गए अपराध के लिए प्रत्यर्पित किया जाने वाला पहला व्यक्ति बन गया हैं और यह, शायद कई और अपराधियों के लिए सऊदी में शरण लेने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.